प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) को अब रूप में परिभाषित किया है। उन्होंने कहा कि अगर मैं एक तरफ एनडीए और भारत के लोगों की आकांक्षाओं और संकल्पों को रखूं, तो मैं कहूंगा - एनडीए: नया भारत, विकसित भारत, आकांक्षी भारत। दअअसल, उन्होंने ये बातें 7 जून को हुई एनडीए की संसदीय दल की बैठक के दौरान कही। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने देश को सुशासन दिया है और एक तरह से, एनडीए कहने से ही सुशासन का पर्याय बन जाता है। गरीब कल्याण और सुशासन हम सभी के ध्यान में सर्वोपरि रहे हैं। उन्होंने सर्वसम्मति के लिए अपने प्रयासों को जारी रखने की भी कसम खाई, क्योंकि उन्होंने एनडीए को सबसे सफल गठबंधन कहा।
प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं देश की जनता को भरोसा दिलाता हूं कि उन्होंने हमें सरकार चलाने के लिए जो बहुमत दिया है, हमारा प्रयास होगा कि हम आम सहमति बनाने का प्रयास करें और देश को आगे ले जाने में कोई कसर न छोड़ें। एनडीए ने लगभग तीन दशक पूरे कर लिए हैं, यह कोई साधारण बात नहीं है। मैं कह सकता हूं कि यह सबसे सफल गठबंधन है। एनडीए सत्ता हासिल करने या सरकार चलाने के लिए कुछ दलों का जमावड़ा नहीं है। यह एक ऐसा समूह है जो राष्ट्र प्रथम की मूल भावना के साथ राष्ट्र प्रथम के लिए प्रतिबद्ध है।"
पीएम ने कांग्रेस पर कसा तंज
अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर तंज भी कसा। उन्होंने कहा, "आप किसी भी बच्चे से पूछ सकते हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले किसकी सरकार थी? वह कहेगा एनडीए। फिर उससे पूछिए कि 2024 के बाद किसकी सरकार बनेगी, तो वह कहेगा एनडीए। पहले भी एनडीए थी, आज भी एनडीए है, और कल भी एनडीए है। 10 साल बाद भी कांग्रेस 100 सीटों का आंकड़ा नहीं छू पाई। गठबंधन के इतिहास में संख्या के लिहाज से यह सबसे मजबूत गठबंधन सरकार है।
वाजपेयी, बालासाहेब, बादल को किया याद
उन्होंने कहा, "मेरे लिए संसद में सभी दलों के सभी नेता समान हैं। जब हम सबका प्रयास की बात करते हैं, तो हमारे लिए सभी समान हो जाते हैं, चाहे वे हमारी पार्टी के हों या नहीं। यही कारण है कि एनडीए गठबंधन पिछले 30 सालों में मजबूत रहा है और आगे बढ़ा है। एनडीए राष्ट्र के लिए प्रतिबद्ध समूह है। यह 30 साल की लंबी अवधि के बाद शुरू में ही इकट्ठा हुआ होगा। लेकिन आज मैं कह सकता हूं कि एनडीए भारत की राजनीतिक व्यवस्था में एक जैविक गठबंधन है और अटल बिहारी वाजपेयी, प्रकाश सिंह बादल, बालासाहेब ठाकरे जैसे महान नेताओं ने जो बीज बोया था, आज भारत के लोगों ने एनडीए के भरोसे को सींचा है और उस बीज को फलदायी बना दिया है। हम सभी के पास ऐसे महान नेताओं की विरासत है और हमें इस पर गर्व है। पिछले 10 वर्षों में, हमने एनडीए की उसी विरासत, उन्हीं मूल्यों के साथ आगे बढ़ने और देश को आगे बढ़ाने का प्रयास किया है।" हालांकि, यहां ये बात भी अहम है की जिन नेताओं का नाम पीएम मोदी ने अपने भाषण में लिया, उनकी पार्टियां अब एनडीए से दूर हो चुकी हैं। अंत में उन्होंने गठबंधन के नेता के रूप में उन्हें चुनने के लिए एनडीए में शामिल दलों के नेताओं को धन्यवाद भी दिया।
पुराने संसद भवन में हुई बैठक
दरअसल, एनडीए की संसदीय दल की बैठक 7 जून को पुराने संसद भवन (संविधान सदन) के सेंट्रल हॉल में आयोजित की गई। जिसमें सर्वसम्मति से नरेंद्र मोदी को तीसरी बाद एनडीए संसदीय दल का नेता चुन लिया गया। बीजेपी सांसद और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे एनडीए के 13 घटक दलों का समर्थन मिला।
बैठक में एनडीए के सभी 293 सांसद, राज्यसभा सांसद और सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम भी मौजूद रहे। बैठक की शुरुआत बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के स्वागत भाषण से हुई। जिसके बाद राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा। जिसके बाद बीजेपी सांसद और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत एनडीए के अन्य सांसदों ने इसका समर्थन किया और एनडीए संसदीय दल के नेता के रूप में नरेंद्र मोदी के नाम का अनुमोदन किया। अंत में सर्वसम्मति से नरेंद्र मोदी को तीसरी बाद एनडीए संसदीय दल का नेता चुन लिया गया। जिसके बाद एनडीए के अहम घटक दल के नेताओं ने अपना-अपना संबोधन दिया। आइए आपको बताते हैं किस नेता ने क्या कहा?
एनडीए के अहम घटक दल टीडीपी (तेलगू देशम पार्टी) के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने कहा- "हम सभी को बधाई देते हैं। मैंने चुनाव प्रचार के दौरान देखा है कि 3 महीने तक पीएम ने कभी आराम नहीं किया। उन्होंने उसी भावना के साथ शुरुआत की और उसी भावना के साथ खत्म किया। आंध्र में हमने 3 जनसभाएं और 1 बड़ी रैली की और इसने चुनाव जीतने में बहुत बड़ा अंतर पैदा किया।"
इसके बाद जेडीयू प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा- "मैं मोदी जी के नाम का समर्थन करता हूं। हम सब साथ हैं और ऐसे ही साथ मिलकर आगे भी चलेंगे। मैं तो चाहता था कि वो आज ही शपथ लें। यह बहुत खुशी की बात है कि 10 साल से प्रधानमंत्री हैं, अब फिर पीएम होने जा रहे हैं। इन्होंने देश की सेवा की, जो कुछ भी बचा है, उसे अब पूरा कर देंगे। बिहार का बाकी काम भी पूरा होगा। अगली बार जब आप आइएगा तो जो कुछ इधर उधर के लोग जो जीत गया है न, वो कोई नहीं जीतेगा।"
वहीं, अमित शाह ने कहा, " रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा के नेता, भाजपा और एनडीए संसदीय दल के नेता के रूप में नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा है। मैं इसका तहे दिल से समर्थन करता हूं। यह प्रस्ताव केवल यहां बैठे लोगों की इच्छा नहीं है। यह देश के 140 करोड़ लोगों का प्रस्ताव है। यह देश की आवाज है कि पीएम मोदी अगले 5 साल तक देश का नेतृत्व करें।"
9 जून को पीएम पद की शपथ लेंगे मोदी
नरेंद्र मोदी पीएम पद की शपथ कब लेंगे इसकी औपचारिक घोषणा अभी नहीं हुई है। हालांकि, बैठक के दौरान जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार ने कहा कि नरेंद्र मोदी 9 जून को शपथ लेने जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो नरेंद्र मोदी 9 जून शाम 6 बजे राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री पद की तीसरी बार शपथ लेंगे। खबर है कि मोदी के साथ पूरा मंत्रिमंडल शपथ ले सकता है। बता दें कि लोकसभा चुनाव के बाद एनडीए की पहली बैठक 5 जून को पीएम आवास में शाम 4 बजे हुई थी। एक घंटे चली बैठक में 16 पार्टियों के 21 नेता शामिल हुए थे। सभी ने नरेंद्र मोदी को एनडीए का नेता चुना था। लेकिन आज होने वाली संसदीय दल की बैठक में मोदी को आधिकारिक तौर पर एनडीए का नेता चुना गया है।