प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में इफको के नैनो यूरिया का जिक्र करते हुए कहा कि यह सबसे मूल्यवान उत्पादों में से एक है जिसे कोई सहकारी संस्था दुनिया को उपहार में दे सकती है। उन्होंने कहा कि आज नैनो फर्टिलाइजर की फैक्ट्रियां देश में नई आशा लेकर आई हैं। लेकिन प्राकृतिक खेती और रसायन मुक्त खेती आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दे सकती है।
प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा, ''आज देश में ग्रीन जॉब्स के रूप में रोजगार के नए अवसर बहुत तेजी से खुल रहे हैं। भारत ने अपनी नीतियों के माध्यम से 'अंतरिक्ष' को खोल दिया है। ड्रोन को लेकर भारत दुनिया में सबसे प्रगतिशील नीति लेकर आया है। हमने देश के युवाओं के लिए अवसरों के नए दरवाजे खोले हैं।” नैनो यूरिया को भविष्यवादी बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत का एक आदर्श उदाहरण है।
सहकारी बिरादरी और विशेष रूप से इफको लाल किले से नैनो फर्टिलाइजर के उल्लेख से उत्साहित है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नैनो यूरिया के अलावा सहकारी क्षेत्र के बारे में और कोई बात नहीं कही। इफको के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. यू.एस. अवस्थी ने एक ट्वीट में प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में नैनो यूरिया और नैनो फर्टिलाइजर प्लांट के बारे में बात की है। नैनो उभरते भारत का सच्चा उदाहरण है।
डॉ. अवस्थी ने कहा, "इफको को भरोसा है कि अगले साल अप्रैल तक देश के किसानों को नैनो डीएपी उपलब्ध करा दिया जाएगा।" पिछले महीने गुजरात के हिम्मतनगर में साबर डेयरी में कई नई परियोजनाओं के उद्घाटन के अवसर पर पीएम मोदी ने गेम चेंजर के रूप में नैनो यूरिया का उल्लेख किया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि नीम कोटेड यूरिया, बंद उर्वरक संयंत्रों को खोलना, नैनो उर्वरकों को बढ़ावा देना और वैश्विक बाजार में कीमत बढ़ने के बावजूद सस्ती दाम पर यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित करने जैसे कदमों से किसानों को लाभ हुआ है।
नैनो यूरिया के कई लाभों में प्रदूषण में कमी और विदेशी मुद्रा की भारी बचत प्रमुख है। डॉ. अवस्थी ने कहा कि वर्ष 2025 तक इफको के पास 10 नैनो प्लांट होंगे जिनमें नैनो डीएपी, नैनो जिंक, सल्फर, कॉपर आदि का उत्पादन किया जाएगा।