भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ मर्यादित (नेफेड) ने वित्त वर्ष 2022-23 में 264.51 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है। इसने इस वर्ष 21,404.58 करोड़ का कारोबार किया जिस पर उसे 437.64 करोड़ का परिचालन लाभ हुआ। शुक्रवार को नेफेड की 66वीं वार्षिक सामान्य निकाय बैठक (एजीएम) में इसके प्रबंधन ने सालाना नतीजे पेश किए। हाल के वर्षों में संघ के असाधारण प्रदर्शन को देखते हुए निदेशक मंडल ने सदस्य संघों/सोसाइटियों को 15% लाभांश देने की भी घोषणा की।
नेफेड ने 2022-23 में पीएसएस के तहत 17,120.49 करोड़ मूल्य के 30.44 लाख मीट्रिक टन तिलहन एवं दलहन की खरीदी की। इसके अतिरिक्त, नेफेड ने उपभोक्ता मामले विभाग, भारत सरकार की ओर से पीएसएफ के तहत 91.23 करोड़ मूल्य की 0.15 लाख मीट्रिक टन दालें खरीदीं। नेफेड ने 300 करोड़ रुपये के तूर, मसूर और उड़द के कुल 40,383.490 मीट्रिक टन आयातित स्टॉक भी खरीदे। बफर स्टॉक बढ़ाने के लिए इसने महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश में 385.73 करोड़ मूल्य के 2.69 लाख मीट्रिक टन प्याज की भी खरीद की।
इस मौके पर नेफेड अध्यक्ष डॉ बिजेंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और सहकारिता मंत्रालय, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और उपभोक्ता मामले विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का नेफेड को उनके निरंतर समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। कृभको और आईसीए (एशिया पेसिफिक) के अध्यक्ष डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव और इफको और एनसीयूआई के अध्यक्ष दिलीप संघानी तथा नेफेड के प्रबंध निदेशक रितेश चौहान ने भी अपने विचार रखे।
नेफेड को 10,000 एफपीओ बनाने के लिए भारत सरकार की तरफ से चौथी राष्ट्रीय कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में नामित किया गया था, और उसे वर्ष 2020-21 से 2022-23 तक 28 राज्यों में 1167 एफपीओ स्थापित करने का लक्ष्य आवंटित किया गया था। 31 मार्च 2023 तक नेफेड ने 646 एफपीओ पंजीकृत किए थे, जिससे लगभग 2.06 लाख किसानों को सहायता मिली। संगठन की सदस्यता भी 974 से बढ़कर 994 हो गई है, जिसके परिणामस्वरूप साझा पूंजी 41.02 करोड़ से बढ़कर 43.07 करोड़ हो गई है।