सरकार ने खरीफ सीजन में 650 लाख टन से अधिक धान की खरीद कर ली है। सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत वितरण के लिए किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान की खरीद करती है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, खरीफ सीजन 2023-24 में अब तक करीब 74 लाख किसानों से धान खरीदा गया, जिन्हें 1.33 लाख करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान हुआ है। पिछले खरीफ सीजन (2022-23) के दौरान कुल 846 लाख टन धान की खरीद हुई थी।
खरीफ मार्केटिंग सीजन अक्टूबर से सितंबर तक चलता है, जिसके दौरान सरकार खरीफ और रबी दोनों सीजन में उगाए गए धान की खरीद करती है। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, 650 लाख टन धान की खरीद के मौजूदा के साथ केंद्रीय पूल में लगभग 525 लाख टन से अधिक चावल है। जबकि कल्याणकारी योजनाओं के लिए सरकार को करीब 400 लाख टन चावल की आवश्यकता होती है।
खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस साल कुल 22 राज्यों में धान की खरीद हुई है, जिनमें सर्वाधिक 185 लाख टन धान की खरीद पंजाब से हुई जो इससे पिछले सीजन के मुकाबले करीब तीन लाख टन अधिक है। खरीफ मार्केटिंग सीजन 2023-24 के लिए सरकार ने धान की सामान्य श्रेणी का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2183 रुपये प्रति क्विंटल और ए ग्रेड के धान का एमएसपी 2203 रुपये तय किया है।
पंजाब में इस साल बाढ़ की वजह से धान की फसल बर्बाद हो गई थी। इससे उत्पादन घटने का अनुमान लगाया जा रहा था। लेकिन किसानों ने बाढ़ से बर्बाद हुई पौध की दोबारा और तिबारा तक बुवाई की।
पंजाब के बाद सर्वाधिक 144 लाख टन धान की खरीद छत्तीसगढ़ में हुई है। छत्तीसगढ़ में इस साल रिकॉर्ड मात्रा में धान की खरीद हुई। किसानों की मांग को देखते हुए राज्य में धान खरीद की आखिरी तारीख चार फरवरी तक बढ़ा दी है। शनिवार और रविवार को छुट्टी के दिन भी छत्तीसगढ़ में धान की खरीद होगी।
उत्तर प्रदेश में भी करीब 55 लाख टन धान की खरीद हो चुकी है। उत्तर प्रदेश में पिछले सीजन में 65.5 लाख टन धान की खरीद हुई थी। तेलंगाना में इस सीजन में 47 लाख टन, ओडिशा में 46 लाख टन और मध्य प्रदेश में 38 लाख टन धान खरीदा गया है।
इस साल मानसून की गड़बड़ी के कारण खरीफ सीजन में धान का उत्पादन प्रभावित होने की आशंकाएं जताई जा रही हैं। वर्ष 2023-24 में खरीफ फसलों के पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार, धान का उत्पादन का अनुमान 10.63 करोड़ टन रहेगा जो पिछले सीजन में 11.05 करोड़ टन के उत्पादन से 3.79 फीसदी कम है। जबकि खरीफ सीजन में धान की बुवाई का रकबा 411 लाख हेक्टेयर के पार पहुंच गया था जो पिछले सीजन से करीब 11 लाख हेक्टेयर अधिक है।