कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने कृषि-ऋण व फसल बीमा से संबंधित तीन महत्वपूर्ण पहल विंड्स मैनुअल, किसान ऋण पोर्टल, घर-घर केसीसी अभियान की शुरुआत की। इसके लिए आयोजित एक कार्यक्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और मंत्रालय में राज्य मंत्री कैलाश चौधरी व शोभा करंदलाजे सहित अन्य मंत्रालय के अधिकारी मौजूद थे। कृषि मंत्रालय द्वारा एक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि इन परिवर्तनकारी पहलों का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना, डेटा उपयोग को अनुकूल बनाना एवं किसानों के जीवनस्तर में सुधार लाना है।
वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमारे किसान जिस तरह से कोविड19 के दौरान प्रतिकूल परिस्थितियों में भी भी डटे रहे, उसके लिए देश उनका बहुत आभारी है। लॉकडाउन के दौरान भी, यह ग्रामीण भारत व कृषक भारत भारत ही था, जिसने हमें आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि उनमें से किसी को भी कोविड-19 का दबाव महसूस नहीं हुआ, उन्होंने न्यूनतम सुरक्षा उपाय करते हुए देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की, जिसके लिए किसानों की जितनी तारीफ की जाएं, वह कम है। वित्त मंत्री ने कृषि मंत्री को भरोसा दिलाते हुए कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रारंभ, कृषि उद्देश्यों के लिए समर्पित पोर्टल पर बैंकों को दिसंबर-2023 तक सभी आवश्यक डेटा उपलब्ध कराना होगा। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का डिजिटल परिवर्तन किया जा रहा है, यह अधिक गति से होगा। किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए आरआरबी को व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ानी होगी। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि केंद्र सरकार घरेलू खाद्य तेल की खपत को बढ़ावा देने हेतु नेशनल आयल पाम मिशन लागू करने सहित अनेक उपाय कर रही है, जिससे आयात पर निर्भरता कम होगी। वित्त मंत्री ने कृषि मंत्री को आश्वस्त किया कि बैंकें 'घर-घर केसीसी अभियान' को सफल बनाने में कृषि मंत्रालय के साथ मिलकर काम करेगी और पूरा सहयोग करेगी। श्रीमती सीतारमन ने सराहना करते हुए कहा कि न केवल डेटा प्राप्त करने के लिए, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए भी कि भारत में कृषि क्षेत्र दूरदर्शी, प्रौद्योगिकी-सक्षम, अधिक अनुकूल व किसानों के लिए सुलभ हो, प्रौद्योगिकी के माध्यम से किसानों की अधिक भलाई हेतु कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा उत्कृष्ट कार्य किया गया है। उन्होंने चावल व गेहूं की फसल के उत्पादन के लिए वास्तविक समय अनुमान की सराहना की व इसे दलहन एवं तिलहन की फसलों तक बढ़ाने का आह्वान भी किया, जिससे अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी।
केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज पूरा देश विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। केंद्र सरकार द्वारा विकास कार्यों के लिए भरपूर पैसा दिया जा रहा है। इसका उदाहरण है कृषि मंत्रालय का बजट, जो वर्ष 2013-14 में लगभग 23 हजार करोड़ रु. था, वह आज 1.25 लाख करोड़ रुपए है। यह प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री के नेतृत्व की कार्यकुशलता का ही परिणाम है। श्री तोमर ने कहा कि कृषि प्रधान हमारे देश में कृषि अर्थव्यवस्था छोटी बेशक हो, लेकिन वह देश के लिए बैकबोन की तरह काम करती है। विपरीत परिस्थितियों में भी कृषि की अर्थव्यवस्था ने अपनी उपयोगिता को साबित किया है। कोविड के कालखंड में हम सबसे इसे देखा भी है। कृषि क्षेत्र में जिस गति से काम होना चाहिए था, पूर्व की सरकारों में उसका अभाव रहा। यही कारण है कि मौसम की मार हो या अन्य प्रकोप, किसान घाटे की खेती के लिए बाध्य होता रहा। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 2014 में कार्यभार संभालने के बाद कई ऐसे नवाचार किए, जिनसे किसानों के घरों में खुशहाली आई है और आज उनके मन में संतोष है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए पीएम किसान सम्मान निधि योजना लागू की गई। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का सुरक्षा कवच दिया गया, जो किसानों को काफी मदद कर रहा है, जिसके अंतर्गत किसानों ने जहां 29 हजार करोड़ रु. का प्रीमियम दिया, वहीं उन्हें नुकसान की भरपाई के रूप में 1.41 लाख करोड़ रु. दिए जा चुके हैं। किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के तहत 20 लाख करोड़ रु. तक का ऋण मिल सकता है। उन्होंने वित्त मंत्री व बैंकर्स का आभार मानते हुए कहा कि कोविडकाल में भी बैंकर्स ने मिलकर 2 करोड़ नए किसानों को केसीसी से जोड़ा। घर-घर केसीसी अभियान फिर से शुरू होने पर एक बड़ा काम इस क्षेत्र में होगा। किसानों को 3 लाख रु. तक अल्पकालिक ऋण मिल सकेगा, जो खेती-किसानी के लिए बहुत मददगार साबित होगा। इसी तरह आज लांच किया गया किसान ऋण पोर्टल पारदर्शी व आसान है, वहीं विंड्स मैनुअल से खेती हेतु मौसम की सटीक जानकारी मिल सकेगी। कृषि कार्य में तकनीक का अच्छे से अच्छा उपयोग करने के लिए कृषि मंत्रालय तेजी से काम कर रहा है
इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव श्री मनोज अहूजा, वित्त मंत्रालय के सचिव (वित्तीय सेवाएं) श्री विवेक जोशी, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डा. हिमांशु पाठक, नाबार्ड के चेयरमैन श्री शाजी के.वी., कृषि मंत्रालय के ओएसडी (क्रेडिट एवं पीएमएफबीवाई) श्री अजीत कुमार साहू, संयुक्त सचिव व पीएमएफबीवाई के सीईओ श्री रितेश चौहान, बैंकर्स आदि मौजूद थे।