खरीफ बुवाई सामान्य क्षेत्र से अधिक, धान की बंपर बुवाई, दलहन का क्षेत्र बढ़ा

इस साल देश में अच्छे मानसून के कारण खरीफ फसलों की बुवाई औसत सामान्य क्षेत्र से अधिक हुई है। अब तक 1104.63 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई हो चुकी है, जबकि पिछले साल इसी समय यह 1088.26 लाख हेक्टेयर थी। जहां धान, दलहन और मोटे अनाज की बुवाई बढ़ी है, वहीं कपास के क्षेत्र में 8 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है

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देश में इस साल अच्छे मानसून के चलते खरीफ फसलों की बुवाई पिछले पांच सालों के औसत सामान्य क्षेत्र से आगे बढ़ गई है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अनुसार, 23 सितंबर तक देश के 1104.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसलों की बुवाई हो चुकी है, जो खरीफ फसलों के सामान्य क्षेत्र (पांच साल का औसत) 1096.00 लाख हेक्टेयर से अधिक है। वहीं पिछले साल इस समय तक खरीफ फसलों का क्षेत्र 1088.26 लाख हेक्टेयर था।

धान की बुवाई इस सीजन में सामान्य क्षेत्र से करीब तीन फीसदी से अधिक हुई है। अब तक 413.50 लाख हेक्टेयर में धान की बुवाई हो चुकी है, जबकि धान का सामान्य क्षेत्र 401.55 लाख हेक्टेयर है। वहीं, पिछले साल इस समय तक धान का क्षेत्र 404.50 लाख हेक्टेयर था। मोटे आनाजों का क्षेत्र भी सामान्य क्षेत्र 181.03 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 192.55 लाख हेक्टेयर हो गया है। तिलहन की बुवाई 193.84 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जो सामान्य क्षेत्र 190.18 लाख लाख हेक्टेयर से अधिक है। हालांकि, दलहन का रकबा सामान्य क्षेत्र से कम है लेकिन 128.28 लाख हेक्टेयर में हुई दलहन की बुवाई पिछले साल इस अवधि तक दलहन के 119.28 लाख हेक्टेयर क्षेत्र से अधिक है। महत्वपूर्ण नकदी फसल कपास के क्षेत्र में पिछले साल के मुकाबले 8.85 फीसदी की गिरावट आई है। 

दलहन का रकबा 7.7 फीसदी बढ़ा

दालों में अरहर की बुवाई का क्षेत्र 46.50 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जो पिछले साल इस अवधि तक 40.74 लाख हेक्टेयर था। मूंग की बुवाई 35.46 लाख हेक्टेयर में हुई है। पिछले साल इस समय तक 31.49 हेक्टेयर में मूंग की बुवाई हुई थी। उड़द की बुवाई पिछले साल से कम क्षेत्र में हुई है। इस सीजन में कुल 30.73 लाख हेक्टेयर में उड़द की बुवाई हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक उड़द का रकबा 32.60 लाख हेक्टेयर था। उड़द की बुवाई का सामान्य क्षेत्र 36.76 लाख हेक्टेयर है।  

बाजरा की बुवाई पिछड़ी 

मोटे अनाज की बुवाई पिछले साल के मुकाबले 3.48 फीसदी बढ़ी है। अब तक 192.55 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मोटे अनाज की बुवाई हुई है, जो पिछले साल इस समय तक 186.07 लाख हेक्टेयर थी। मोटे अनाज में ज्वार की बुवाई 16.13 लाख हेक्टेयर, रागी की बुवाई 12.46 लाख हेक्टेयर, मक्के की बुवाई 88.06 लाख और बाजरा की बुवाई 69.91 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है। मोटे अनाज में बाजरा की बुवाई पिछले साल से कम है जबकि मक्का का क्षेत्र पांच साल के औसत क्षेत्र को पार कर गया है। 

तिलहन की बुवाई में मामूली वृद्धि

तिलहन की बुवाई में 1.52 फीसदी की हुई है। अब तक 193.84 लाख हेक्टेयर में तिलहन की बुवाई हो चुकी है, जो पिछले साल इसी अवधि के दौरान 190.92 लाख थी। इसमें मूंगफली की बुवाई 47.85 लाख हेक्टेयर, सोयाबीन की बुवाई 125.11 लाख हेक्टेयर, सूरजमुखी की बुवाई 0.76 लाख हेक्टेयर और तिल की बुवाई 11.31 लाख हेक्टेयर में हुई है।   

कपास का क्षेत्र 8.8 फीसदी घटा 

गन्ने की बुवाई में वृद्धि हुई है, जिससे गन्ने का क्षेत्र 57.68 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है जो पिछले साल के क्षेत्र और पांच साल के औसत क्षेत्र से अधिक है। वहीं कपास की बुवाई में 8.8 फीसदी की गिरावट आई है। कपास का क्षेत्र पिछले साल के 123.71 लाख हेक्टेयर से घटकर 112.76 लाख हेक्टेयर रह गया है। जबकि कपास का औसत क्षेत्र 129.34 लाख हेक्टेयर है।