जयंत चौधरी ने चीनी निर्यात के लिए खाद्य मंत्री को लिखा पत्र

केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने केंद्र सरकार से चीनी निर्यात को अनुमति देने का आग्रह किया है। उन्होंने केंद्रीय खाद्य मंत्री को इस संबंध में पत्र लिखा है

देश में चीनी उत्पादन के अच्छे अनुमानों के बीच, केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने केंद्र सरकार से चीनी का निर्यात किए जाने का आग्रह किया है। उन्होंने संभावना जताई है कि चीनी का अच्छा उत्पादन घरेलू कीमतों में गिरावट का कारण बन सकता है, जिससे चीनी बाजार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इस संबंध में उन्होंने उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रहलाद जोशी को पत्र लिखकर 20 लाख टन चीनी के निर्यात को अनुमति देने का आग्रह किया है। 

केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी को लिखे पत्र में जयंत चौधरी ने लिखा कि इंडियन शुगर एंड बायो इनर्जी मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन  (इस्मा) के हालिया प्रारंभिक अनुमानों के मुताबिक, आगामी सीजन 2024-25 में देश में लगभग 333 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान है। 01.10.2024 तक 90 लाख टन के शुरुआती स्टॉक को ध्यान में रखते हुए, चीनी की कुल उपलब्धता लगभग 423 लाख टन होगी। घरेलू जरूरतों के लिए लगभग 290 लाख टन की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, लगभग 133 लाख टन चीनी अधिशेष में होगी, जो कि 55 लाख टन के मानक चीनी स्टॉक से काफी अधिक है।

चौधरी ने लिखा कि चीनी की अधिक उपलब्धता से घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों में गिरावट आ सकती है, जिससे चीनी बाजार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा, अधिशेष इन्वेंट्री भी चीनी मिलों पर उनकी वहन लागत के कारण अतिरिक्त बोझ डाल सकती है। इसे देखते हुए, चीनी के निर्यात की अनुमति देना सही समय है, क्योंकि यह चीनी उद्योग के लिए वित्तीय बफर प्रदान करेगा और परिचालन लागत के साथ-साथ किसानों के मौजूदा बकाया गन्ना भुगतान के भुगतान में भी मदद करेगा।

चौधरी ने लिखा कि चीनी के निर्यात से देश को बहुमूल्य विदेशी मुद्रा अर्जित करने और घरेलू बाजार को स्थिर करने में भी मदद मिलेगी। इसलिए, वर्तमान सत्र में कम से कम 20 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति देने पर विचार करने की आवश्यकता है। चौधरी ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मात्रा में चीनी के निर्यात से घरेलू बाजार की जरूरतों को पूरा करने की क्षमता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।


चीनी के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने का आग्रह

इस्मा ने भी घरेलू खपत और एथनॉल निर्माण के लिए चीनी की पर्याप्त उपलब्धता का हवाला देते हुए केंद्र सरकार से चीनी निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने का आग्रह किया है। इस्मा के महानिदेशक दीपक बल्लानी ने कहा कि मौजूदा मानसून सीजन में देश में भरपूर बारिश हो रही है, जिससे 2025-26 के मार्केटिंग सीजन में चीनी का उत्पादन बढ़ेगा। इस अतिरिक्त उत्पादन का उपयोग एथनॉल निर्माण में भी किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि यदि सरकार शीघ्र चीनी निर्यात की अनुमति देती है, तो इससे उद्योग को भंडारण और रखरखाव के खर्च को कम करने में सहायता मिलेगी और ब्याज का बोझ भी घटेगा।

निर्यात में समस्याओं का सामना कर रहा उद्योग

बल्लानी ने यह भी कहा कि 2023-24 के मौजूदा सीजन में सरकार ने अभी तक चीनी निर्यात की स्वीकृति नहीं दी है, जिससे उद्योग को निर्यात में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस्मा का मानना है कि अगले सीजन में घरेलू मांग और खपत को पूरा करते हुए चीनी का निर्यात भी संभव होगा, जिससे पूरे उद्योग को लाभ होगा।