भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल होने के बाद राष्ट्रीय लोकदल ने दो लोकसभा और एक विधान परिषद सीट पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। एनडीए गठबंधन में रालोद के हिस्से में यूपी की दो लोकसभा सीटें बागपत और बिजनौर आई हैं।
चौंकाने वाले बात है कि राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी बागपत से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। बागपत से पार्टी ने पुराने, निष्ठावान नेता डॉ. राजकुमार सांगवान को उम्मीदवार बनाया है जबकि बिजनौर सीट से मीरापुर विधायक चंदन चौहान को मैदान में उतारा है। डॉ. सांगवान चौधरी चरण सिंह के अनुयायी और लोकदल के पुराने, समर्पित नेता हैं। उन्हें उम्मीदवार बनाकर पार्टी कार्यकर्ताओं को अच्छा संदेश देने की कोशिश की गई है। यूपी विधान परिषद के लिए राष्ट्रीय लोकदल ने योगेश चौधरी को प्रत्याशी बनाया है।
लगभग पांच दशक बाद पहली बार बागपत लोकसभा सीट से चौधरी चरण सिंह परिवार का कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ेगा। बागपत की पहचान लोकदल की परंपरागत सीट के तौर पर रही है। सन 1977 से 1987 तक पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने लोकसभा में बागपत का प्रतिनिधित्व किया था, जबकि 1989 से 2014 तक पूर्व केंद्रीय मंत्री अजित सिंह बागपत से लोकसभा चुनाव लड़ते रहे। इस दौरान वे सिर्फ एक बार 1998 में चुनाव हारे, लेकिन 1999 में दोबारा जीत गये थे। 2014 में उन्हें बागपत से दोबारा हार का सामना करना पड़ा था। 2019 में अजित सिंह ने मुजफ्फरनगर से चुनाव लड़ा, जबकि जयंत चौधरी बागपत से चुनाव लड़े थे।
जयंत चौधरी के लोकसभा चुनाव ना लड़ने के फैसले से पार्टी के नेता और कार्यकर्ता हैरान हैं। जयंत फिलहाल राज्यसभा सांसद हैं और स्पष्ट है कि अब वे राज्यसभा के सहारे अपनी राजनीति को आगे बढ़ाएंगे। करीब 53 साल बाद चौधरी चरण सिंह परिवार का कोई सदस्य लोकसभा चुनाव में नहीं है। हालांकि, डॉ. सांगवान जैसे समर्पित नेता और चंदन चौहान व योगेश चौधरी जैसे युवा चेहरों को मौका देकर जयंत चौधरी ने कार्यकर्ताओं का मनोबल को बढ़ाने का प्रयास किया है।
माना जा रहा था कि अगर जयंत चौधरी बागपत से चुनाव नहीं लड़ते हैं तो उनकी पत्नी चारू चौधरी बागपत से चुनाव लड़ सकती हैं। लेकिन सभी कयासों को धता बताते हुए राष्ट्रीय लोकदल ने डॉ. राजकुमार सांगवान को बागपत से पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया। उम्मीदवारों के ऐलान पर जयंत चौधरी ने ट्विट किया, “राष्ट्रीय लोकदल का झंडा बुलंद रखने वाले ये तीनों प्रतिनिधि आपके सहयोग और आशीर्वाद से सदन पहुँचकर किसान, कमेरा और विकास की बात करेंगे!”
शनिवार को जयंत चौधरी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर औपचारिक तौर पर एनडीए में शामिल होने का ऐलान किया था। बागपत और बिजनौर लोकसभा सीटों पर रालोद उम्मीदवारों के ऐलान के साथ यह स्पष्ट हो गया कि भाजपा से गठबंधन में पार्टी को दो लोकसभा और एक विधान परिषद की सीट मिली है।
2009 का लोकसभा चुनाव भी राष्ट्रीय लोकदल ने भाजपा गठबंधन में लड़ा था। तब रालोद को सात सीटें मिलें थीं, जिनमें से पांच सीटों पर पार्टी ने जीत हासिल की थी। कयास लगाये जा रहे हैं कि एनडीए में शामिल होने के बाद भाजपा रालोद को यूपी सरकार में मंत्री पद देकर उसे सरकार में भागीदार बना सकती है। हालांकि, भाजपा से हाथ मिलाने और चौधरी चरण सिंह की विरासत वाली पार्टी के महज दो सीटों पर चुनाव लड़ने से लोकदल के बहुत से समर्थकों में मायूसी भी है।