अल-नीनो के असर के चलते मानसून की बारिश में कमी और जलाशयों में पानी की कम उपलब्धता की वजह से सिंचाई प्रभावित होने को देखते हुए अगले चीनी वर्ष 2023-24 (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी उत्पादन घटने की आशंका जताई जाने लगी है। चीनी उद्योग के शीर्ष संगठन इस्मा ने अगले सीजन के लिए अपने पहले अनुमान में कहा है कि अगले सीजन में एथेनॉल के लिए डायवर्जन के बाद चीनी का शुद्ध उत्पादन 316.80 लाख टन रहने की उम्मीद है। चालू सीजन (अक्टूबर 2022-सितंबर 2023) में उत्पादन 328 लाख टन रहा है। चीनी वर्ष 2021-22 में उत्पादन 359.75 लाख टन रहा था।
इस्मा ने कहा है कि अगले सीजन में एथेनॉल के लिए डायवर्जन में वृद्धि होने की वजह से भी चीनी का उत्पादन कम रहेगा। चालू सीजन के 41 लाख टन के मुकाबले अगले सीजन में 45 लाख टन चीनी का डायवर्जन एथेनॉल के लिए होने का अनुमान लगाया गया है। इस्मा ने एक बयान में कहा है कि 1 अगस्त को उद्योग संगठन के प्रतिनिधियों की बैठक में गन्ना एवं चीनी उत्पादन को लेकर चर्चा की गई। सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों के मुताबिक, 2023-24 सीजन के लिए जून 2023 तक गन्ने का रकबा 59.81 लाख हेक्टेयर रहने का अनुमान है जो लगभग 2022-23 के स्तर पर ही है। 2022-23 में गन्ने का रकबा 59.07 लाख हेक्टेयर रहा था।
इस्मा ने कहा है कि चालू सीजन में चीनी का कुल उत्पादन 369 लाख टन रहा है। इसमें से 40.95 लाख टन का डायवर्जन एथेनॉल के लिए किया गया है। इस तरह, चीनी का शुद्ध उत्पादन 328 लाख टन रहा है। अगले सीजन में कुल उत्पादन 361.80 लाख टन रहने का अनुमान है जिसमें से 45 लाख टन का डायवर्जन एथेनॉल के लिए किए जाने की उम्मीद है। इस तरह, वास्तविक उत्पादन 316.80 लाख टन पर रहना अनुमानित है। इस्मा के मुताबिक, देश में चीनी की कुल खपत 275 लाख टन है। अगले सीजन में उत्पादन घटने के बावजूद 42 लाख टन चीनी सरप्लस में रहेगी।
इस्मा ने बताया है कि चालू सीजन में एथेनॉल के लिए डायवर्जन के बाद 105.31 लाख टन चीनी उत्पादन के साथ महाराष्ट्र पहले नंबर पर रहा है। दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश है जहां 104.82 लाख टन उत्पादन हुआ है। कर्नाटक में 56.92 लाख टन और तमिलनाडु में 15.41 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। कर्नाटक और तमिलनाडु में विशेष सीजन चल रहा है। इसलिए अभी अंतिम आंकड़े नहीं आए हैं। गुजरात में 10.16 लाख टन और अन्य राज्यों में 35.36 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ है।