इंडियन शुगर एंड बायोएनर्जी मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन (इस्मा) ने केंद्र सरकार से चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाने की मांग की है। चीनी का एमएसपी फरवरी 2019 से 31 रुपये प्रति किलोग्राम पर स्थिर है। इस्मा ने 2024-25 चीनी सीजन के लिए इस मूल्य को बढ़ाकर 39.14 रुपये प्रति किलोग्राम करने का सुझाव दिया है। इसके अलावा, एसोसिएशन ने एथेनॉल खरीद मूल्य में वृद्धि और चीनी निर्यात के लिए स्थायी नीति की मांग भी की है।
इस्मा की ओर से जारी बयान के अनुसार, एसोसिएशन के अध्यक्ष एम. प्रभाकर राव ने कहा कि एमएसपी में वृद्धि से चीनी मिलों को न्यूनतम कीमत प्राप्त करने में मदद मिलेगी, विशेषकर पेराई सीजन में जब चीनी की कीमत उत्पादन लागत से नीचे चली जाती है। कीमत कम रहने से किसानों के भुगतान में देरी और देनदारी की समस्या पैदा होती है। इस्मा ने सरकार से पुरानी गणना के आधार पर एमएसपी को बढ़ाने की अपील की है।
इस्मा के महानिदेशक दीपक बल्लानी ने कहा कि बढ़ती उत्पादन लागत, स्थिर एथेनॉल कीमतों और अनुमानित अधिशेष को देखते हुए एमएसपी में वृद्धि आवश्यक है। उन्होंने कहा कि उद्योग की मांग है कि चीनी के एमएससपी को बढ़ाया जाना चाहिए, जो 2019 से गन्ने की कीमतों में वृद्धि के बावजूद नहीं बढ़ा है। बढ़ती लागत को कवर करने और किसानों को समय पर भुगतान में करने के लिए एमएसपी में बदलाव जरूरी है। उन्होंने एथेनॉल खरीद मूल्य में संशोधन की भी मांग की ताकि 2025-26 तक 20 फीसदी एथेनॉल मिश्रण के सरकारी लक्ष्य को पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि इससे हरित ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही दीर्घकालिक निर्यात नीति से अधिशेष चीनी का प्रबंधन बेहतर तरीके से हो सकेगा, जिससे भारत घरेलू संतुलन बनाए रखते हुए वैश्विक चीनी बाजार में अपनी स्थिति मजबूत कर सकेगा।
इस्मा ने गन्ने के रस से बनने वाले एथेनॉल के लिए 73.14 रुपये प्रति लीटर, बी-हैवी मोलेसेस से बनने वाले एथेनॉल के लिए 67.70 रुपये प्रति लीटर, और सी-हैवी मोलेसेस से बनने वाले एथेनॉल के लिए 61.20 रुपये प्रति लीटर का प्रस्ताव दिया है। साथ ही, इस सीजन में 20 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति और दीर्घकालिक निर्यात नीति की मांग की है।