वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज वित्त वर्ष 2024-25 को अंतरिम बजट लोकसभा में पेश किया। लोकसभा चुनाव से पहले इस बजट में किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए बड़ी घोषणाओं की उम्मीद की जा रही थी। वैसी बड़ी घोषणाएं तो अंतरिम बजट में नहीं की गई हैं। पीएम किसान के तहत सालाना छह हजार रुपये की धनराशि भी नहीं बढ़ाई गई है। जबकि तिलहन में आत्मनिर्भरता लाने और डेयरी किसानों की सहायता करने पर जोर दिया गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में अन्नदाता को सरकार के चार प्रमुख प्राथमिकताओं में बताया। वित्त मंत्री ने कहा कि खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए सरकार ने आत्मनिर्भर तिलहन अभियान शुरू किया है। इसी तर्ज पर सरसों, मूंगफली, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसी तिलहन फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नई रणनीति तैयार की जाएगी। तिलहन की उच्च उत्पादकता वाली किस्मों पर शोध, आधुनिक कृषि पद्धतियों को प्रसार, मार्केट लिंकेज और वैल्यू एडिशन पर जोर दिया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में वैल्यू एडिशन और किसानों की आय बढ़ाने के प्रयास तेज किए जाएंगे। फसल कटाई के बाद की गतिविधियों जैसे स्टोरेज, सप्लाई चेन, प्रोसेसिंग और मार्केटिंग के लिए सरकार प्राइवेट और पब्लिक इंवेस्टमेंट को बढ़ावा देगी।
डेयरी किसानों की मदद के लिए भी सरकार एक व्यापक कार्यक्रम शुरू करेगी। भारत विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है लेकिन दुधारू पशुओं की उत्पादक कम है। वित्त मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन, नेशनल लाइवस्टोक मिशन जैसी मौजूदा योजनाओं की सफलता से सीख लेते हुए डेयरी किसानों के लिए एक व्यापक कार्यक्रम तैयार किया जाएगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नैनो यूरिया की सफलता के बाद सरकार अब नैनो डीएपी को अपनाने पर भी जोर दे रही है। सभी कृषि जलवायु क्षेत्रों में विभिन्न फसलों पर नैनो डीएपी का इस्तेमाल किया जाएगा।
अंतरिम बजट में वित्त मंत्री ने किसानों के लिए कोई बड़ी घोषणा तो नहीं की, लेकिन कृषि क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियों का जिक्र जरूर किया। उन्होंने कहा कि पीएम-किसान सम्मान योजना के तहत 11.8 करोड़ किसानों को हर साल सीधे वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। चार करोड़ किसानों का फसल बीमा हुआ है। इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार (eNAM) का लाभ 1361 मंडियां और 1.8 करोड़ किसानों को मिल रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना से 38 लाख किसान लाभान्वित हुए और 10 लाख रोजगार पैदा हुए हैं।