भारतीय चीनी कंपनियों ने 2021-22 के मौजूदा गन्ना पेराई सीजन में 50 लाख टन चीनी निर्यात का सौदा किया है। चीनी मिलों के संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने ट्रेड रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि अभी तक जो 50 लाख टन चीनी निर्यात के सौदे हुए हैं, उसमें से 31.5 लाख टन चीनी का निर्यात हो चुका है। यह निर्यात अक्टूबर 2021 से जनवरी 2022 के दौरान किया गया।
अगर 2020-21 के पिछले पेराई सीजन से तुलना करें तो अक्टूबर से जनवरी तक 4 महीने के दौरान 3 गुना अधिक निर्यात किया गया है। पिछले सीजन में इस दौरान 10 लाख टन से भी कम चीनी का निर्यात किया गया था। इस माह की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में बताया गया है कि फरवरी 2022 में 8 लाख टन चीनी का निर्यात किया जाना है।
इस्मा के अनुसार तेल मार्केटिंग कंपनियों ने चौथे चक्र में 95 करोड़ लीटर इथेनॉल की जरूरत बताई है। इसमें से 39 करोड़ लीटर इथेनॉल की सप्लाई चीनी मिलें कर चुकी हैं। एसोसिएशन के मुताबिक तेल मार्केटिंग कंपनियां नीलामी की बोली का आकलन कर रही हैं। उम्मीद है कि वे जल्दी ही इथेनॉल का आवंटन करेंगी। तेल कंपनियों ने 2021-22 के इथेनॉल आपूर्ति वर्ष में अलग-अलग स्रोतों से 385 करोड़ लीटर का आवंटन किया है।
जहां तक चीनी उत्पादन की बात है तो 15 फरवरी तक घरेलू चीनी मिलों ने 220 लाख टन चीनी का उत्पादन कर लिया था। पिछले सीजन में इसी अवधि के दौरान मिलों ने 210 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। 2021-22 के सीजन में 516 चीनी मिलों में गन्ने की पेराई हुई। इनमें से 13 मिलो में पेराई का काम पूरा हो चुका है।
एसोसिएशन ने बताया है कि महाराष्ट्र की 197 मिलों ने 86.2 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। पिछले वर्ष यहां की मिलों ने 75.5 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। दूसरे सबसे बड़े उत्पादक उत्तर प्रदेश में 117 मिलों में पेराई का काम अभी जारी है। यहां अभी तक 3 मिलों में पेराई का काम पूरा हुआ है। यहां अब तक चीनी उत्पादन पिछले साल के 65.1 लाख टन की तुलना में 60 लाख टन रहा है।
महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य हैं। देश में हर साल जितनी चीनी का उत्पादन होता है, उसका आधे से अधिक इन्हीं दोनों राज्यों में होता है। कर्नाटक इस मामले में तीसरे नंबर पर है। वहां की 72 मिलों ने 44.9 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। पिछले वर्ष वहां 66 मिलों ने इस अवधि में 40 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था।
इन तीनों प्रमुख राज्यों के अलावा गुजरात, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और उड़ीसा में भी चीनी का उत्पादन होता है। वहां की मिलों ने भी अपना योगदान किया है।