रिजर्व बैंक सहित सारे अनुमानों को पीछे छोड़ते हुए भारत की जीडीपी ग्रोथ चालू वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में 7.6 फीसदी रही है। वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही विकास दर 6.2 फीसदी रही थी। तेज दौड़ती भारतीय अर्थव्यवस्था का नकारात्मक पहलू यह है कि इस तिमाही में कृषि क्षेत्र की विकास दर घटकर आधी से भी कम रह गई है। अल-नीनो के मजबूत होने से मानसून प्रभावित हुआ जिसकी वजह से कृषि क्षेत्र की ग्रोथ सिमट कर 1.2 फीसदी रह गई है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कृषि क्षेत्र ने 2.5 फीसदी की विकास दर हासिल की थी।
केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने गुरुवार को दूसरी तिमाही के जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े जारी किए। आंकड़ों के मुताबिक, दूसरी तिमाही में कृषि क्षेत्र की विकास दर पहली तिमाही के मुकाबले 2 फीसदी घट गई। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कृषि क्षेत्र की विकास दर 3.5 फीसदी रही थी। ताज आंकड़े स्पष्ट बताते हैं कि इस साल अनियमित मानसून की वजह से फसलों की पैदावार पर असर पड़ा है। इससे किसानों की आमदनी घटी है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था कमजोर हुई है। अल-नीनो का असर रबी सीजन में भी रहने की आशंका विशेषज्ञों की ओर से जताई गई है।
दूसरी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था आरबीआई के अनुमानों को पार कर गई है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने दूसरी तिमाही में 6.5 फीसदी की दर से अर्थव्यवस्था के बढ़ने का अनुमान लगया था। हालांकि, दूसरी तिमाही की विकास दर पहली तिमाही के 7.8 फीसदी से कम है।
आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की विकास में काफी तेजी आई है। यह बढ़कर 13.9 फीसदी पर पहुंच गई, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसमें 3.8 फीसदी की गिरावट आई थी। निर्माण क्षेत्र की विकास दर 13.3 फीसदी रही है।
हालांकि, 2023-24 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में जीडीपी की वृद्धि दर घटकर 7.7 फीसदी रह गई, जो पिछले वित्त वर्ष की पहली छमाही में 9.5 फीसदी थी।