भारत और ऑस्ट्रेलिया ने शनिवार को मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए। इससे भारत से 6000 से अधिक वस्तुओं का ऑस्ट्रेलिया को ड्यूटी फ्री निर्यात संभव हो सकेगा। इनमें टेक्सटाइल, अपैरल, फर्नीचर, मशीनरी आदि शामिल हैं। इस समझौते के चार महीने में लागू हो जाने की उम्मीद है।
अनेक वस्तुओं को संवेदनशील मानकर उन्हें ड्यूटी फ्री लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है। यानी उन पर अभी की तरह कस्टम ड्यूटी लगती रहेगी। इनमें दूध और दूध से बने उत्पाद, खिलौने, सूरजमुखी, तेल, चावल, गेहूं, बाजरा, चीनी, मटर, खली, सोना, चांदी, ज्वैलरी, लौह अयस्क और अनेक मेडिकल डिवाइस शामिल हैं।
भारत की तरफ से वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने और ऑस्ट्रेलिया की तरफ से व्यापार और पर्यटन मंत्री डैन तेहन ने दस्तखत किए। गोयल ने बताया कि भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौते (ईसीटीए) से पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार 27.5 डॉलर से बढ़कर 45 से 50 अरब डॉलर हो जाने की उम्मीद है। इससे पांच से सात वर्षों में 10 लाख से अधिक रोजगार निकलने के भी आसार हैं क्योंकि भारत से जिन वस्तुओं का निर्यात ड्यूटी फ्री होगा उनमें अनेक रोजगार सघन क्षेत्र हैं।
समझौते के अनुसार ऑस्ट्रेलिया भारत से मूल्य के हिसाब से 96.4 फ़ीसदी आयात को ड्यूटी फ्री करेगा। इनमें अनेक ऐसी वस्तुएं शामिल हैं जिन पर अभी ऑस्ट्रेलिया में 4 से 5 फ़ीसदी कस्टम ड्यूटी लगती है। इनमें टेक्सटाइल और अपैरल, अनेक कृषि उत्पाद, लेदर, फुटवियर, फर्नीचर, स्पोर्ट्स गुड्स, ज्वेलरी, मशीनरी, इलेक्ट्रिकल गुड्स और रेलवे वैगन शामिल हैं। ऑस्ट्रेलिया से भारत में ज्यादातर आयात कच्चे माल और इंटरमीडियरी गुड्स का होता है। यहां स्टील, एलुमिनियम और गारमेंट जैसे सेक्टर में ड्यूटी फ्री आयात से इंडस्ट्री को फायदा होगा।
व्यापार समझौते में सेफगार्ड मेकैनिज्म भी शामिल किया गया है ताकि किसी तीसरे देश से उत्पादों को निर्यात ना किया जा सके। भारत जिन वस्तुओं के ड्यूटी फ्री आयात की अनुमति देगा उनमें कोयला, भेड़ का मांस, एलएनजी, एल्युमिना, मैग्नीज, कॉपर और निकल के अयस्क, टाइटेनियम और जिरकोनियम शामिल हैं। अभी ऑस्ट्रेलिया से जितना आयाता होता है उसका 74 फ़ीसदी सिर्फ कोयले का है। इस पर 2.5 फीसदी ड्यूटी लगती है।
इस समझौते पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए निर्यातकों के संगठन फियो ने कहा है कि इससे अपैरल, टेक्सटाइल, लेदर, फुटवियर, जेम्स ज्वैलरी, इंजीनियरिंग गुड्स, फार्मा के साथ-साथ सर्विस सेक्टर को भी फायदा होगा। भारत ने फरवी में संयुक्त अरब अमीरात के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर दस्तखत किए थे। इंग्लैंड, यूरोपियन यूनियन समेत कई देशों के साथ एफटीए पर बात चल रही है।