चीनी उत्पादन में गिरावट के अनुमान के बीच गन्ना पेराई सीजन जोरों पर है। नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज़ लिमिटेड (एनएफसीएसएफ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू पेराई सत्र में 15 जनवरी 2024 तक देश में 148.70 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ। देश भर में 511 चीनी मिलों ने 2023-24 सीजन में कुल 1563.00 लाख टन गन्ने की पेराई की है। इस साल चीनी उत्पादन पिछले साल की समान अवधि की तुलना में करीब 7 फीसदी कम रहा है। पिछले साल इस अवधि तक देश में 160 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ था और 519 चीनी मिलों ने 1681.49 लाख टन गन्ने की पेराई की थी। चीनी उत्पादन के मामले में फिलहाल महाराष्ट्र सबसे आगे है, इसके बाद उत्तर प्रदेश और कर्नाटक का स्थान है।
देश में चीनी की औसत रिकवरी दर पिछले सीजन से थोड़ी कम रही है। 15 जनवरी 2024 तक, औसत चीनी रिकवरी 9.51 फीसदी है, जबकि पिछले सीजन में इसी अवधि के दौरान यह 9.52 फीसदी थी। उत्तर प्रदेश चीनी रिकवरी 9.90 प्रतिशत के साथ देश में सबसे आगे है। इसके बाद तेलंगाना 9.75 प्रतिशत चीनी रिकवरी के साथ दूसरे और कर्नाटक 9.60 प्रतिशत चीनी रिकवरी के साथ तीसरे स्थान पर है। जबकि महाराष्ट्र में चीनी रिकवरी 9.30 फीसदी दर्ज की गई है।
इस साल चीनी सीजन के अंत तक देश में चीनी का उत्पादन 305.50 लाख टन होने की उम्मीद है। एनएफसीएसएफ के अध्यक्ष जय प्रकाश दांडेगांवकर ने कहा, “इसके 8 से 10 लाख टन तक बढ़ने की संभावना है।” बारिश की वापसी से गन्ने की खड़ी फसल को मदद मिली जिससे इन तीन राज्यों में चीनी उत्पादन में वृद्धि हुई।
एनएफसीएसएफ द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में 15 जनवरी 2024 तक 197 चीनी मिलें चालू हैं जिन्होंने 51 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है जबकि उत्तर प्रदेश में 120 चीनी मिलों ने 46.10 लाख टन चीनी बनाई है। तीसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य कर्नाटक में चीनी उत्पादन 31.00 लाख टन तक पहुंच गया। वहां 69 चीनी मिलें पेराई कर रही हैं।