उड़द और अरहर का घरेलू उत्पादन इस साल कम रहा है। इस वजह से इन दोनों प्रमुख दालों की घरेलू उपलब्धता में कमी आई है जिसका असर कीमतों में बढ़ोतरी के रूप में देखने को मिल रहा है। घरेलू बाजार में आपूर्ति को बढ़ावा देने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए भारत ब्राजील से उड़द का आयात कर सकता है। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह के मुताबिक, ब्राजील से आयात संबंधी बातचीत अंतिम चरण में है।
मांग और आपूर्ति के अंतर के आधार पर भारत सालाना 7-7.5 लाख टन उड़द का आयात करता है। इसमें से 74 फीसदी म्यांमार से आयात किया जाता है। संवाददाताओं से बातचीत में रोहित कुमार सिंह ने कहा, "ब्राजील में कृषि-जलवायु की स्थिति उड़द के उत्पादन के लिए उपयुक्त है। हम गंभीरता से ब्राजील से उड़द के आयात की संभावना तलाश रहे हैं। इस बारे में बातचीत अंतिम चरण में है।"
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उन्होंने बताया कि मौजूदा कैलेंडर वर्ष में अब तक म्यांमार से करीब दो लाख टन उड़द का आयात किया जा चुका है। भारत म्यांमार पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए उड़द आयात के अन्य गंतव्यों की खोज कर रहा है। हाल ही में उपभोक्ता मामलों के विभाग ने म्यांमार के दालों के निर्यातकों को जिंस की जमाखोरी के खिलाफ चेतावनी दी थी क्योंकि इससे घरेलू आपूर्ति प्रभावित होती है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) में उड़द का घरेलू उत्पादन 26.8 लाख टन रहने का अनुमान लगाया है। यह पिछले फसल वर्ष 2021-22 के 27.7 लाख टन से कम है।