भारत ने 2021-22 मार्केटिंग वर्ष में अभी तक 70 लाख टन चीनी का निर्यात किया है। पूरे मार्केटिंग वर्ष में निर्यात 90 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान है जो एक रिकॉर्ड होगा। चीनी मिलों के संगठन इस्मा ने गुरुवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में यह बात कही। चीनी उत्पादन में भी इस वर्ष वृद्धि हुई है। अप्रैल तक 342.3 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। एक साल पहले उत्पादन 300 लाख टन था। चीनी का मार्केटिंग वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक होता है।
इस्मा ने कहा है कि अभी तक 82-83 लाख टन चीनी निर्यात के सौदे हुए हैं। इसमें से 68 से 70 लाख टन चीनी का निर्यात किया जा चुका है। इसे देखते हुए मौजूदा चीनी वर्ष में निर्यात रिकॉर्ड 90 लाख टन को पार कर जाने की उम्मीद है। मार्केटिंग वर्ष 2020-21 में 72.3 लाख टन चीनी का निर्यात हुआ था। लेकिन उसमें सरकार की सब्सिडी का भी योगदान था। इस वर्ष सरकार कोई सब्सिडी नहीं दे रही है।
चीनी उत्पादन के बारे में इस्मा ने कहा है कि अक्टूबर से अप्रैल तक की अवधि में उत्पादन 14 फ़ीसदी बढ़ा है। इस दौरान 342.31 टन चीनी का उत्पादन हुआ है। इसमें सबसे अधिक योगदान महाराष्ट्र का रहा जहां अप्रैल तक 132 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। एक साल पहले इसी अवधि के दौरान राज्य में 105.6 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। प्रदेश की 123 मिलें अभी चालू हैं।
महाराष्ट्र के विपरीत उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन में गिरावट आई है। यहां 105.6 लाख टन की तुलना में उत्पादन 98.9 लाख टन का ही हुआ है। प्रदेश की मिलों के अगले एक पखवाड़े के दौरान पेराई बंद हो जाने का अनुमान है। देश के तीसरे सबसे बड़े उत्पादक राज्य कर्नाटक में भी इस बार उत्पादन बढ़ा है। वहां अप्रैल तक पिछले साल के 42.4 लाख टन की तुलना में इस बार 59 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है।
इस्मा के मुताबिक मिलों ने 24 अप्रैल तक 168.66 करोड़ लीटर एथेनॉल की सप्लाई तेल कंपनियों को की है। तेल कंपनियों ने इस वर्ष 410.32 करोड़ लीटर एथेनॉल के सौदे किए हैं।