प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब कल्याण अन्न योजना की अवधि अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ाने की घोषणा की है। इस योजना के तहत 80 करोड़ गरीब लोगों को हर महीने पांच किलो गेहूं या चावल और एक किलो दाल मुफ्त दी जाती है। इस योजना से सरकार पर हर साल करीब दो लाख करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है। छत्तीसगढ़ के दुर्ग में एक चुनावी सभा में मोदी ने कहा, “मैंने निश्चय कर लिया है कि देश के 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन देने वाली योजना को भाजपा सरकार अब अगले पांच साल के लिए और बढ़ाएगी।”
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत कोविड महामारी के समय की थी। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत इसमें पांच किलो अनाज मुफ्त दिया जाता था। यह सब्सिडी पर मिलने वाले पांच किलो अनाज के अतिरिक्त था। शुरू में यह योजना तीन महीने के लिए लांच की गई थी, जिसे बाद में छह बार विस्तार दिया गया। पिछले साल दिसंबर में एक साल के लिए बढ़ाते हुए योजना को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून में मिला दिया गया था। यह योजना इस साल दिसंबर में खत्म होने वाली थी।
अगले साल आम चुनाव को देखते हुए योजना की अवधि छह महीने और बढ़ाने का अनुमान जताया जा रहा था, लेकिन पांच साल बढ़ाने का ऐलान चौंकाने वाला है। प्रधानमंत्री ने यह घोषणा चुनावी सभा में की, इसलिए इसके चुनावी निहितार्थ भी निकाले जा रहे हैं। इससे पहले कभी योजना को पांच साल के लिए नहीं बढ़ाया गया। चुनाव से चंद महीने पहले इसे पांच साल के लिए बढ़ाने के कई मायने निकाले जा रहे हैं। अब इसका अमल मूल रूप से अगली सरकार पर निर्भर करेगा।