कोऑपरेटिव फर्टिलाइजर दिग्गज इफको ने वित्त वर्ष 2022-23 में रिकॉर्ड मुनाफा कमाया है। बेहतर आमदनी की बदौलत पिछले वित्त वर्ष में इफको का शुद्ध लाभ 62 फीसदी की वृद्धि के साथ रिकॉर्ड 3,052.73 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इससे पिछले वित्त वर्ष (2020-21) में शुद्ध मुनाफा 1,883.77 करोड़ रुपये रहा था।
इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव (इफको) किसानों की एक सहकारी संस्था है। यह रासायनिक उर्वरकों की देश की सबसे बड़ी निर्माता और विपणनकर्ता होने के साथ-साथ सबसे बड़ी उर्वरक सहकारी संस्था भी है। 2022-23 में इफको का कुल राजस्व भी 2021-22 के 40,171.67 करोड़ रुपये से बढ़कर 60,324 करोड़ रुपये पहुंच गया।
इफको के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने एक ट्वीट में कहा, "यह साझा करते हुए खुशी हो रही है कि इफको ने वित्त वर्ष 2022-23 में 60,324 करोड़ रुपये के सबसे ज्यादा टर्नओवर के साथ-साथ 3,053 करोड़ रुपये का टैक्स पश्चात मुनाफा हासिल किया है जो अब तक का सबसे अधिक लाभ है। यह मजबूत प्रदर्शन सहकार से समृद्धि का एक सच्चा उदाहरण है। बेहतर संयंत्र प्रदर्शन, कुशल विपणन चैनल, सरकार से अच्छे समर्थन और बेहतर प्रबंधन से रिकॉर्ड मुनाफा हासिल हुआ है।"
परिचालन के मोर्चे पर इफको ने पिछले वित्त वर्ष में 95.61 लाख टन का रिकॉर्ड उत्पादन दर्ज किया है। साथ ही नैनो (तरल) फर्टिलाइजर की 479.38 लाख बोतलों (500 एमएल) का उच्चतम उत्पादन भी हासिल किया है। कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष में 128.07 लाख टन उर्वरक की बिक्री की। नैनो उर्वरकों की रिकॉर्ड 326.53 लाख बोतलों की बिक्री हुई है।
इफको ने एक बयान में कहा, "नैनो (तरल) उर्वरक पारंपरिक उर्वरकों की तुलना में एक सस्ता, प्रभावी और कुशल विकल्प प्रदान करते हैं। इसमें कम कच्चे माल की आवश्यकता होती है। उर्वरकों के आयात पर निर्भरता कम करते हुए देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आगे बढ़ने में इससे मदद मिली है। आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर कृषि की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं।"
जून 2021 में इफको ने दुनिया का पहला नैनो (तरल) यूरिया लॉन्च किया था। हाल ही में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इफको के नैनो (तरल) डीएपी को लॉन्च किया है। इसके 500 एमएल बोतल की कीमत 600 रुपये रखी गई है। इफको के नैनो डीएपी को कृषि मंत्रालय द्वारा मंजूरी दी गई थी। इसके उत्साहजनक परिणामों के आधार पर मार्च 2023 में उर्वरक नियंत्रण आदेश (एफसीओ) में इसे अधिसूचित किया गया था।
नैनो डीएपी के उत्पादन की सुविधाएं गुजरात के कलोल, कांडला और ओडिशा के पारादीप प्लांट में स्थापित की गई हैं। कलोल प्लांट में उत्पादन शुरू हो चुका है। चालू वित्त वर्ष में 25 लाख टन पारंपरिक (दानेदार) डीएपी के बराबर नैनो (तरल) डीएपी की 5 करोड़ बोतल का उत्पादन किया जाएगा। नैनो डीएपी की एक बोतल में 8 फीसदी नाइट्रोजन और 16 फीसदी फॉस्फोरस होता है। इफको ने अगस्त 2021 से अब तक नैनो (तरल) यूरिया की 5.44 करोड़ बोतलें बेची हैं।
अपनी सहयोगियों और सहायक कंपनियों सहित इफको समूह का मूल्य लगभग 1.05 लाख करोड़ रुपये है।