सरकार ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की तरफ से दिए जाने वाले राष्ट्रीय पुरस्कारों की संख्या घटाने का फैसला किया है। अब सिर्फ तीन कैटेगरी में अवार्ड दिए जाएंगे। ये कैटेगरी हैं किसान, अनुसंधान और टेक्नोलॉजी। बाकी सभी अवार्ड को खत्म करने का निर्णय लिया गया है। हाल ही में इस आशय का आदेश जारी किया गया। पिछले साल 15 कैटेगरी में अवार्ड दिए गए थे।
आदेश के मुताबिक गृह मंत्रालय ने विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की तरफ से दिए जाने वाले अवार्ड और सम्मान की समीक्षा की है। उस समीक्षा के बाद ही यह फैसला लिया गया है। आदेश में कहा गया है कि ICAR इंस्टीट्यूट्स, डीम्ड यूनिवर्सिटी और केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालयों को अवार्ड देने के बजाय उनकी रैंकिंग जारी की जा सकती है। यही नहीं, आदेश में यह भी कहा गया है कि सक्षम अथॉरिटी की अनुमति के बिना कोई नया अवार्ड या सम्मान शुरू नहीं किया जा सकेगा।
वर्ष 2014 में जब एनडीए सरकार आई तब कुल 18 कैटेगरी में अवार्ड दिए गए थे। कैटेगरी की संख्या 2019 में बढ़कर 20 हो गई, लेकिन पिछले साल यानी 2021 में इसे घटाकर 15 कर दिया गया। अब तक जो अवार्ड दिए जाते थे वे पूर्व प्रधानमंत्रियों या अन्य बड़ी हस्तियों के नाम पर थे। नए आदेश में यह स्पष्ट नहीं है कि इन पुरस्कारों के नाम क्या होंगे।
वर्ष 2021 में चार मुख्य कैटेगरी की 15 सब-कैटेगरी में कुल 92 अवार्ड दिए गए थे। नेशनल अवार्ड फॉर एक्सीलेंस फॉर एग्रीकल्चरल इंस्टीट्यूशंस मुख्य कैटेगरी की तीन सब-कैटेगरी में तीन पुरस्कार दिए गए जो सरदार पटेल, चौधरी देवीलाल और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर थे। नेशनल अवार्ड फॉर एक्सीलेंस इन एग्रीकल्चरल रिसर्च मुख्य कैटेगरी की चार सब-कैटगरी में पुरस्कार रफी अहमद किदवई, लाल बहादुर शास्त्री, पंजाबराव देशमुख और जवाहरलाल नेहरू के नाम पर थे।
नेशनल अवार्ड फॉर एप्लीकेशन ऑफ एग्रीकल्चरल टेक्नोलॉजीज मुख्य कैटेगरी में जो चार सब-कैटेगरी में पुरस्कार दिए गए वे नानाजी देशमुख, फखरुद्दीन अली अहमद, स्वामी सहजानंद सरस्वती और वसंतराव नाइक के नाम पर थे। नेशनल अवार्ड फॉर इनोवेशंस एंड टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट बाय फार्मर्स प्रमुख कैटेगरी के तहत चार सब-कैटेगरी में पुरस्कार दिए गए। इनमें तीन जगजीवन राम, एन.जी. रंगा और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर थे। चौथे पुरस्कार का नाम था हलधर ऑर्गेनिक फार्मर अवार्ड।
2014 में जब एनडीए सरकार आई तब 18 कैटेगरी में कुल 82 अवार्ड दिए गए थे। इनमें तीन संस्थान, एक एआईसीआरपी, नौ केवीके, 55 वैज्ञानिक, सात किसान और छह पत्रकार थे। ये पुरस्कार उपरोक्त के अलावा जिन हस्तियों के नाम पर थे उनमें नॉर्मन बोरलॉग, डॉ. सी. सुब्रमण्यम, डॉ. राजेंद्र प्रसाद और चौधरी चरण सिंह शामिल थे। एक पुरस्कार हरिओम आश्रम ट्रस्ट के नाम पर भी था। 2019 में 20 कैटेगरी में कुल 159 अवार्ड दिए गए जो उपरोक्त हस्तियों के नाम पर थे।