कपास के घरेलू दाम ज्यादा रहने से निर्यात 64 फीसदी घटाः सीएआई

घरेलू बाजार में ज्यादा कीमतों के कारण 30 सितंबर को समाप्त कपास विपणन वर्ष 2022-23 में कपास निर्यात में 64 फीसदी की गिरावट का अनुमान है। कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) ने कहा है कि विपणन वर्ष 2021-22 के दौरान कपास का निर्यात 43 लाख गांठ था जो 2022-23 में गिरकर 15.50 लाख गांठ रह गया है।

कपास मार्केटिंग ईयर 2021-22 के 43 लाख गांठ से घटकर 2022-23 में निर्यात रह गया 15.50 लाख गांठ।

घरेलू बाजार में ज्यादा कीमतों के कारण 30 सितंबर को समाप्त कपास विपणन वर्ष 2022-23 में कपास निर्यात में 64 फीसदी की गिरावट का अनुमान है। कपास विपणन वर्ष 1 अक्टूबर से 30 सितंबर तक होता है।

कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) ने कहा है कि विपणन वर्ष 2021-22 के दौरान कपास का निर्यात 43 लाख गांठ था जो 2022-23 में गिरकर 15.50 लाख गांठ रह गया है। सीएआई के प्रेसीडेंट अतुल गनात्रा ने कहा, "2022-23 में निर्यात में गिरावट मुख्य रूप से घरेलू बाजार में कपास की ऊंची कीमतों के कारण रही है। अक्टूबर 2022 से मार्च 2023 के दौरान घरेलू कीमतें वैश्विक कीमतों से काफी अधिक थी। इस वजह से निर्यात प्रभावित हुआ है।" उन्होंने कहा कि उच्च आयात शुल्क के कारण 2022-23 में कपास का आयात भी 2.50 लाख गांठ घटकर 12.50 लाख गांठ रहने की उम्मीद है।

इस बीच, सीएआई ने 2022-23 सीजन के लिए कपास उत्पादन 318.90 लाख गांठ रहने का अनुमान लगाया है, जो पिछले महीने के अनुमान 311.18 लाख गांठ से ज्यादा है। 2021-22 में कुल कपास उत्पादन 307.05 लाख गांठ रहा। 2022-23 में कपास की कुल आपूर्ति 355.40 लाख गांठ होने का अनुमान है, जो इसके पिछले अनुमान 350.18 लाख गांठ से 5.22 लाख गांठ अधिक है। अनुमानित कुल कपास आपूर्ति में 318.90 लाख गांठ उत्पादन, 12.50 लाख गांठ का आयात और 2022-23 मार्केटिंग सीजन की शुरुआत में ओपनिंग स्टॉक 24 लाख गांठ शामिल है।

सीएआई ने 2022-23 सीजन के लिए अपना घरेलू खपत अनुमान 311 लाख गांठ बरकरार रखा है। आंकड़ों के अनुसार, कैरी-ओवर स्टॉक जो पहले 23.18 लाख गांठ अनुमानित था, अब 28.90 लाख गांठ रहने का अनुमान है।