किसानों के मुद्दे पर संसद में तीखी बहस, राहुल और शिवराज आए आमने-सामने

एमएसपी के मुद्दे पर सोमवार को संसद में जोरदार बहस हुई। एक तरफ कांग्रेस ने सरकार पर किसानों को एमएसपी न देने का आरोप लगाया। वहीं, सरकार ने भी कांग्रेस पर झूठा और गुमराह करने वाला बताया।

किसानों से जुड़े मुद्दों पर सोमवार को संसद में जोरदार बहस हुई। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान किसानों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मुद्दे पर आमने-सामने आ गए। राहुल गांधी ने संसद में किसान आंदोलन, फसलों की एमएसपी समेत कई मुद्दों पर बीजेपी सरकार को घेरा। लेकिन, माहौल तब गरमाया जब उन्होंने केंद्र सरकार पर किसानों को एमएसपी न दिए जाने का आरोप लगाया। जिस पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी और कांग्रेस पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों से फसलों का सही एमएसपी दिया जा रहा है और खरीद भी लगातार जारी है। 

राहुल गांधी ने संसद में बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, "केंद्र सरकार किसानों को डराने के लिए तीन कृषि कानून लेकर आई थी। ये कानून किसानों को नहीं, बल्कि अडानी-अंबानी को फायदा पुहंचाने के लिए लाए गए थे। किसान आंदोलन में 700 किसान शहीद हुए, लेकिन आपने उनके लिए मौन तक नहीं रखा। आपने किसानों को आतंकवादी तक कहा। सरकार ने अरबपतियों का 16 लाख करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया, तो किसानों का कर्ज क्यों नहीं माफ किया। किसानों ने आपसे एमएसपी की मांग की, लेकिन आपने न एमएसपी दी और न कर्ज माफ किया।"

राहुल गांधी के इन सवालों पर केंद्रीय कृषि मंत्री तुरंत खड़े हुए और उन पर गलत बयान देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "ये गलत बयानी कर सदन को गुमराह कर रहे हैं। एमएसपी पर खरीद आज भी जारी है। अभी 14 खरीफ फसलों का एमएसपी बढ़ाया गया है। उत्पादन की लागत पर कम से कम 50 फीसदी जोड़कर किसानों को एमएसपी दी जा रही है। यदि नहीं दी जा रही है तो इस बात को सत्यापित करें।" इस दौरान कृषि मंत्री ने कांग्रेस सरकार के समय एमएसपी खरीद को लेकर भी सवाल पूछा। उन्होंने कहा, "ये बताएं कि जब इनकी सरकार थी तब कितनी एमएसपी थी और उसमें खरीद कितनी होती थी।"

शिवराज सिंह चौहान की बात सुनकर राहुल गांधी फिर खड़े हुए और एमएसपी के लिए लीगल गारंटी की मांग की। उन्होंने कहा कि किसान एमएसपी पर लीगल गारंटी चाहते हैं। लेकिन, सरकार ने किसानों को डरा रखा है। हर वर्ग सरकार से परेशान है और सरकार ने हर वर्ग को भय का तोहफा दिया है।