भारत में सीटीपीआर बनाने और बेचने के लिए जीएसपी क्रॉप साइंस को दिल्ली हाईकोर्ट से मंजूरी

सीटीपीआर एक प्रभावी और लंबे समय तक काम करने वाला कीटनाशक है। खासकर गन्ना, धान, सोयाबीन, दाल और सब्जियों में यह काफी प्रभावी रहा है। कीटों के अंडों, लार्वा आदि पर भी यह काम करता है। पौधों में यह जड़ से लेकर तने तक पहुंचता है

एग्रोकेमिकल क्षेत्र की कंपनी जीएसपी क्रॉप साइंस को क्लोरनट्रेनिलिप्रोल (CTPR) बनाने और बेचने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट से अंतिम मंजूरी मिल गई है। सीटीपीआर एक कीटनाशक है। दिल्ली हाईकोर्ट ने अंतरिम रोक के लिए 14 नवंबर को एफएमसी के आवेदन को ठुकरा दिया। इस तरह जीएसपी के लिए सीटीपीआर प्रोडक्ट को लॉन्च करने का रास्ता साफ हो गया है। हाईकोर्ट ने अदालत और पेटेंट कार्यालय से तथ्यों को छिपाने और गलत तरीके से तथ्य पेश करने के लिए एफएमसी पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

हाईकोर्ट में यह याचिका अमेरिकी कंपनी एफएमसी कॉरपोरेशन और उसी ग्रुप की दो अन्य कंपनियों एफएमसी एग्रो सिंगापुर प्राइवेट लिमिटेड और एफएमसी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने दायर की थी। याचिका में पेटेंट नंबर आईएन252004 के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए ऑर्थो एमिनो एरोमेटिक कार्बोक्सिलिक एसिड और कार्बोक्सिलिक एसिड को मिलाकर फ्यूज्ड ऑक्साजाईनोन बनाने की विधि पर रोक लगाने की मांग की गई थी। जीएसपी क्रॉप साइंस अहमदाबाद स्थित कंपनी है। एफएमसी ग्रुप की कंपनियां एग्रोकेमिकल समेत कई तरह के केमिकल बनाने, उनकी मार्केटिंग और बिक्री के बिजनेस में है।

सीटीपीआर एक प्रभावी और लंबे समय तक काम करने वाला कीटनाशक है। खासकर गन्ना, धान, सोयाबीन, दाल और सब्जियों में यह काफी प्रभावी रहा है। कीटों के अंडों, लार्वा आदि पर भी यह काम करता है। पौधों में यह जड़ से लेकर तने तक पहुंचता है।

कोर्ट के फैसले के बाद जीएसपी क्रॉप साइंस के मैनेजिंग डायरेक्टर भावेश शाह ने कहा जीएसपी हेलीप्रो और बैलट ब्रांड नाम के तहत भारतीय बाजार में सीटीपीआर बेचने को लेकर काफी उत्साहित है। माननीय दिल्ली हाईकोर्ट ने हमें भारतीय कृषक समुदाय को कम कीमत पर और आसानी से प्रोडक्ट उपलब्ध कराने की अनुमति दी है।

जीएसपी क्रॉप साइंस का सालाना टर्नओवर करीब 12 सौ करोड़ रुपये है। गुजरात और जम्मू कश्मीर में इसकी चार मैन्युफैक्चरिंग इकाइयां हैं। इसके पास 70 ब्रांडेड प्रोडक्ट हैं जिनकी 6500 डिस्ट्रीब्यूटर और 30 हजार से अधिक डीलर्स के जरिए बिक्री की जाती है। कंपनी अपने प्रोडक्ट 25 देशों को निर्यात भी करती है।