कृषि में तकनीक को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के लिए कृषि-ड्रोन की एक योजना जल्द ही शुरू करेगी। इसके तहत 15 हजार एसएचजी को कृषि-ड्रोन दिए जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लाल किले की प्राचीर से इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं को कृषि-ड्रोन उड़ाने के साथ-साथ उनकी मरम्मत करने का भी प्रशिक्षण देगी।
77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ाने और कृषि-तकनीक को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, "हम एसएचजी की महिलाओं को ड्रोन उड़ाने और ड्रोन की मरम्मत करने के लिए प्रशिक्षित करेंगे। भारत सरकार हजारों महिला एसएचजी को ड्रोन प्रदान करेगी। शुरुआत में इस योजना के तहत 15,000 महिला एसएचजी को कवर किया जाएगा।" देश की लगभग 10 करोड़ महिलाएं एसएचजी से जुड़ी हुई हैं।
प्रधानमंत्री ने किसानों के लिए सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना (पीएम-किसान) के तहत किसानों के खातों में 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा की गई है। इस योजना के तहत सरकार किसानों को तीन किश्तों में सालाना 6,000 रुपये देती है।
उन्होंने कहा कि किसानों को सशक्त बनाने के लिए सरकार ने 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक की उर्वरक सब्सिडी दी है। उन्होंने कहा, "वैश्विक स्तर पर 3,000 रुपये प्रति बैग मिलने वाला यूरिया किसानों को 300 रुपये प्रति बैग की सस्ती दर पर देने के लिए सरकार ने यूरिया सब्सिडी के रूप में 10 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।"
उन्होंने कहा कि भारत महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। विमानन सहित विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों पर उन्होंने प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "एक चीज जो देश को आगे ले जाएगी वह महिला नेतृत्व वाला विकास है।" ग्रामीण इलाकों में महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा किए जा रहे कार्यों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि उनका सपना है कि दो करोड़ महिलाएं "लखपति" बनें। सरकार इस लक्ष्य को हासिल करने के उपायों पर विचार कर रही है।