वित्त वर्ष 2024-25 में 34.15 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य, पिछले वर्ष से 92 लाख टन ज्यादा

केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 में 34.15 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है, जबकि पिछले वर्ष खाद्यान्न उत्पादन 33.22 करोड़ टन रहा था। 2024-25 का लक्ष्य पिछले साल की तुलना में 92.6 लाख टन अधिक है

केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 में 34.15 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है, जबकि पिछले वर्ष खाद्यान्न उत्पादन 33.22 करोड़ टन रहा था। 2024-25 का लक्ष्य पिछले साल की तुलना में 92.6 लाख टन अधिक है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार ने इंटर क्रॉपिंग के माध्यम से कृषि क्षेत्र का विस्तार करने और कम उपज वाले क्षेत्रों में उच्च उपज देने वाली फसलों को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। कृषि विभाग का फोकस उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने पर होगा।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को नई दिल्ली स्थित पूसा परिसर में 'राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन- रबी अभियान 2024' का शुभारंभ करते हुए यह जानकारी दी। इस सम्मेलन में छह राज्यों के कृषि मंत्रियों और 31 राज्यों के कृषि से संबंधित प्रमुख अधिकारियों ने भाग लिया, जहां खाद्यान्न उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त करने और कृषि से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई।

कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकताएं उत्पादन बढ़ाना, उत्पादन की लागत को कम करना, और उचित मूल्य प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प है कि हम देश के खाद्यान्न भंडार भरें और आवश्यकता पड़ने पर भारत को पूरी दुनिया का फूड बास्केट बनाएं।

खाद्यान्न उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए रबी की फसलों जैसे सरसों, चना, मूंगफली, उड़द, मूंग, मसूर, मक्का और ज्वार के उत्पादन पर विशेष जोर दिया जाएगा। हाल ही में सरकार ने किसानों को 109 नई फसल किस्में प्रदान की हैं और इसके लिए बीज उत्पादन पर व्यापक कार्यक्रम तैयार किया गया है।

सरकार ने दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य तय किया है और किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की मिनी किट देने का कार्य प्रारंभ किया है। उन्होंने कहा कि वे विभिन्न किसान संगठनों के साथ संवाद कर रहे हैं और बीज नीति को भी सुधारने के प्रयास कर रहे हैं। इसके साथ ही, सरकार ने क्लीन प्लांट प्रोग्राम, नेशनल पेस्ट सर्विलांस सिस्टम, इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी, डिजिटल एग्रीकल्चर, कृषि उन्नति योजना समेत कई योजनाओं पर चर्चा की है, जिससे राज्यों को अधिकतम लाभ मिल सके। 

सम्मेलन में महत्वपूर्ण विषयों पर इंटरैक्टिव सत्रों का आयोजन हुआ, जिसमें कृषि से जुड़े विभिन्न मुद्दों और योजनाओं पर चर्चा हुई। सम्मेलन में विभिन्न मंत्रालयों, राज्य सरकारों और संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और एक व्यापक संवाद स्थापित किया, जो आगामी रबी सत्र के लिए रणनीतियों की दिशा में मार्गदर्शन करेगा।