चावल, गेहूं और आटे की खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए बाजार हस्तक्षेप की सरकार की पहल के तहत केंद्रीय पूल से गेहूं और चावल की साप्ताहिक (प्रत्येक बुधवार) ई-नीलामी की जाती है। यह ई-नीलामी एफसीआई द्वारा आयोजित की जाती है। 15 नवंबर को हुई 21वीं ई-नीलामी में खुले बाजार बिक्री योजना के तहत बोली के लिए 3 लाख टन गेहूं और 1.79 लाख टन चावल की पेशकश की गई थी। ई-नीलामी में 2,334 बोलीदाताओं को 5,830 टन चावल के साथ 2.84 लाख टन गेहूं की बिक्री की गई।
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान में ई-नीलामी के आंकड़ों की जानकारी दी है। बयान में कहा गया है कि सामान्य गुणवत्ता (एफएक्यू) वाले गेहूं के लिए अखिल भारतीय स्तर पर भारित औसत विक्रय मूल्य 2150 रुपये प्रति क्विंटल के आरक्षित मूल्य के मुकाबले 2246.86 रुपये प्रति क्विंटल रुपये रहा। जबकि कम गुणवत्ता (यूआरएस) वाले गेहूं के आरक्षित मूल्य 2125 रुपये प्रति क्विंटल के मुकाबले भारित औसत बिक्री मूल्य 2232.35 रुपये क्विंटल रहा।
बयान के मुताबिक, ई-नीलामी के अलावा ओएमएसएस के तहत केंद्रीय भंडार, एनसीसीएफ, नेफेड जैसे अर्द्ध-सरकारी तथा सहकारी संगठनों को 2.5 लाख टन गेहूं आवंटित किया गया है, ताकि आवंटित गेहूं को आटा में परिवर्तित किया जा सके। ये संस्थाएं 'भारत आटा' ब्रांड के तहत 27.50 रुपये किलो पर आम लोगों को आटा बेच रही हैं। 14 नवंबर तक इन तीनों सहकारी समितियों ने 15,337 टन गेहूं का उठान किया है ताकि उन्हें आटा में परिवर्तित किया जा सके।
बड़े व्यापारियों को ओएमएसएस के तहत गेहूं बिक्री के दायरे से बाहर रखा गया है। स्टॉक की जमाखोरी से बचने के लिए 14 नवंबर तक देश भर में 1917 खरीदारों की निगराणी की गई है।