खरीफ की धान की सरकारी खरीद पिछले महीने से ही शुरू हो चुकी है। कुछ राज्यों में 1 नवंबर से इसकी खरीद शुरू हुई है। सरकार ने खरीफ मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितंबर) 2023-24 में अब तक 161.47 लाख टन खरीफ धान की खरीद किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर की है। धान की खरीद राज्यों की एजेंसियों के साथ-साथ भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा की जाती है।
केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा है, "1 नवंबर तक 161.47 लाख टन खरीफ धान की खरीद की गई है जिससे लगभग 9.33 लाख किसानों को 35,571.14 करोड़ रुपये का एमएसपी मिला है।" बयान में कहा गया है कि 2023-24 का खरीफ मार्केटिंग सीजन सुचारू रूप से आगे बढ़ रहा है। सरकारी एजेंसियां किसानों से सीधे धान खरीदती हैं और बाद में उसे चावल मिलों को चावल बनाने के लिए देती हैं। मिलों से चावल लेने के बाद उन्हें सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के जरिये जरूरतमंदों को वितरित किया जाता है और बफर स्टॉक के लिए रखा जाता है।
सरकार ने चालू खरीफ मार्केटिंग सीजन में केंद्रीय पूल के लिए 521.27 लाख टन चावल खरीदने का लक्ष्य रखा है। इसमें से 20.76 प्रतिशत (108.23 लाख टन) पहले ही पंजाब, हरियाणा और तमिलनाडु से खरीदा जा चुका है।
बयान के मुताबिक, पंजाब से लगभग 66.42 लाख टन, हरियाणा से 36.11 लाख टन और तमिलनाडु से 3.26 लाख टन चावल खरीदा गया है। धान की खेती खरीफ और रबी दोनों सीजन की जाती है। देश के कुल चावल उत्पादन का लगभग 80 प्रतिशत खरीफ सीजन से ही आता है।