वैश्विक बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में आई गिरावट के चलते सस्ते आयात को देखते हुए सरकार ने खाद्य तेल कारोबारियों के संगठनों को कहा कि वह तत्काल प्रभाव से प्रमुख खाद्य तेलों की अधिकतम खुदरा कीमत (एमआरपी) में आठ से 12 रुपये प्रति लीटर की कटौती करें। कुछ कंपनियों ने खाद्य तेलों के एमआरपी में कमी नहीं की है और उनकी कीमत अन्य ब्रांड के मुकाबले अधिक है। खाद्य मंत्रालय ने खाद्य तेल उद्योग और कारोबारियों के साथ संगठनों के साथ बैठक में यह निर्देश दिये।
वहीं संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) द्वारा जारी 1 जून को जारी मई माह के खाद्य कीमत सूचकांक के मुताबिक पिछले एक साल में वैश्विक बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में 48 फीसदी से अधिक की कमी आई है। अप्रैल के मुकाबले मई में आठ फीसदी कीमत घटी है। भारत अपनी जरूरत का करीब 65 फीसदी खाद्य तेल आयात करता है। वैश्विक बाजार में भारी गिरावट के बावजूद खाद्य तेलों की कीमतों में उद्योग ने घरेलू बाजार में वैश्विक कीमतोंं में गिरावट के अनुपात में कमी नहीं है। शुक्रवार की बैठक के पहले भी सरकार ने एक बैठक में उद्योग कीमतों में कमी के लिए कहा था और समय कुछ कंपनियों ने दाम घटाए थे।
बैठक में कहा गया है कि रिफाइनर्स और मैन्यूफैक्चरर्स से लेकर डिस्ट्रीब्यूटर्स हर स्तर पर कीमत में कटौती की जरूरत है। साथ ही इस बारे में उद्योग को लगातार जानकारी देने के लिए कहा गया है। वैश्विक बाजार में लगातार खाद्य तेलों की कीमतों में आ रही कमी का फायदा घरेलू उपभोक्ताओं मिलना चाहिए। खाद्य तेलों की कीमतों में कमी के महंगाई दर में कमी आएगी।
एक माह के भीतर खाद्य तेल उद्योग के साथ हुई इस दूसरी बैठक में सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया और वेजिटेबल ऑयल प्रोसेसर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि शामिल थे।
मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि उद्योग प्रतिनिधियों को सलाह दी गई है कि वह खाद्य तेलों की कीमतो मेंं आठ से 12 रुपये प्रति लीटर की कटौती करें। उद्योग संगठनों को सलाह दी गई है कि वह अपने सदस्यों को कीमतों में कटौती करने की सलाह दें।
साल 2021-22 में खाद्य तेलों की कीमतों में काफी बढ़ोतरी हुई थी। लेकिन जून, 2022 से वैश्विक बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट का रुख शुरू हो गया था। हालांकि पिछले कुछ समय में घरेलू कीमतोंं में गिरावट आनी शुरू हो गोई थी लेकिन जिस तरह से कीमतं गिरी हैं उसे देखते हुए घरेलू कीमतों और अधिक गिरावट की संभावना है जिसका फायदा उपभोक्ताओं को मिल सकता।
उद्योग प्रतिनिधियों को कहना है कि इस प्रक्रिया में थोड़ा समय लग सकता है लेकिन कीमतों में जल्दी ही गिरावट देखने को मिलेगी।
इसके पहले भी मंत्रालय ने खाद्य तेल उद्योग संगठनों को खाद्य तेलों की कीमतों में कटौती करने के लिए कहा था। जिसके बाद सोयाबीन और सनफ्लावर तेल की कीमतों में कंपनियों ने पांच रुपये से 15 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती की थी।