भारतीय खाद्य निगम केंद्रीय पूल से 30 लाख टन गेहूं की बिक्री करेगा। गेहूं की यह बिक्री खुले बाजार बिक्री योजना (ओपन मार्केट सेल स्कीम) के तहत अलग-अलग रूट से की जाएगी। देश में गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों को देखते हुए गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्री समूह की बैठक हुई। बैठक में गेहूं के बफर स्टॉक पर भी चर्चा की गई।
एफसीआई अलग-अलग चैनल के माध्यम से दो महीने में 30 टन गेहूं की बिक्री करेगा। हाल के दिनों में बाजार में गेहूं की उपलब्धता का संकट हो गया था। अनेक फ्लोर मिल अधिक दाम पर भी गेहूं न मिलने की शिकायत कर रहे थे।
कीमतों को जल्दी नियंत्रित करने के लिए मंत्री समूह ने यह निर्णय लिए हैंः-
-आटा मिलों, थोक खरीदारों को ई नीलामी के जरिए गेहूं की बिक्री की जाएगी। यह बिक्री एफसीआई के क्षेत्रीय कार्यालयों से होगी। एक नीलामी में किसी एक खरीदार को अधिकतम 3000 टन गेहूं मिलेगा।
-राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों को भी गेहूं मिलेगा, लेकिन इसके लिए उन्हें ही नीलामी में भाग नहीं लेना पड़ेगा।
-सरकारी कंपनियों, कोऑपरेटिव, फेडरेशन, केंद्रीय भंडार, एनसीसीएफ, नाफेड इत्यादि को भी बिना नीलामी के 2350 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर गेहूं की बिक्री की जाएगी। इन्हें गेहूं इसी शर्त पर मिलेगा कि ये अधिकतम 29.50 रुपये प्रति किलो की दर से आम लोगों को आटे की बिक्री करेंगे।