भारत सरकार देश के 81.35 करोड़ लोगों को पांच साल तक हर महीने 5 किलो मुफ्त अनाज देगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ में एक चुनावी रैली के दौरान यह घोषणा की थी, जिस पर मंत्रिमंडल की मुहर लग गई। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया है कि केंद्र सरकार पांच साल की अवधि के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत लगभग 81.35 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त अनाज उपलब्ध कराएगी।
मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएमजीकेएवाई के तहत खाद्य सब्सिडी के रूप में अगले पांच वर्षों के दौरान 11.80 लाख करोड़ रुपये की धनराशि खर्च होगी। योजना का विस्तार 1 जनवरी 2024 से लागू होगा। अनुराग ठाकुर का कहना है कि मुफ्त अनाज योजना को 5 साल तक बढ़ाने में धन की कोई कमी नहीं आएगी और खरीद में भी कोई समस्या नहीं है। योजना का पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी।
देश के 81.35 करोड़ लोगों को खाद्य और पोषण सुरक्षा देने की दिशा में यह योजना एक महत्वपूर्ण कदम है। खासकर ऐसे समय जब खाने-पीने की चीजों की महंगाई बढ़ रही है और देश कमजोर मानसून की स्थितियों से जूझ रहा है। इससे सरकार को महंगाई के मोर्चे पर भी निपटने में भी मदद मिलेगी। मुफ्त अनाज के तहत चावल, गेहूं और मोटे अनाज का वितरण सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से किया जाता है। वन नेशन, वन राशन कार्ड पहल के तहत लाभार्थियों को देश में किसी भी उचित मूल्य की दुकान से मुफ्त खाद्यान्न प्राप्त करने की अनुमति होगी।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) की शुरुआत कोविड-19 महामारी के दौरान साल 2020 में की गई थी। इसमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत 5 किलोग्राम अनाज के अलावा प्रति लाभार्थी प्रति माह 5 किलोग्राम मुफ्त खाद्यान्न दिया जाता था। पिछले साल दिसंबर में केंद्र सरकार ने पीएमजीकेएवाई को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के साथ जोड़ दिया था। पिछली बार योजना को 31 दिसंबर, 2023 तक एक साल के लिए बढ़ाया गया था।