दालों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने तूर (अरहर), उड़द और मसूर की सरकारी खरीद की 40 फीसदी सीमा को हटाने का फैसला किया है। इससे किसान अब अपनी पूरी उपज बिना किसी सीमा के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बेच सकेंगे। हालांकि, यह फैसला सिर्फ 2023-24 के लिए है।
मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत सरकार एमएसपी पर किसानों से दालों की खरीद करती है लेकिन इसकी सीमा 40 फीसदी तय की गई है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर किसान की उपज 1 क्विंटल है तो 40 फीसदी सीमा के तहत 40 किलो की ही सरकारी खरीद होगी। मगर अब तूर, उड़द और मसूर से यह सीमा हटा ली गई है। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी एक बयान में 2023-24 के लिए इन दालों पर से सीमा हटाने की जानकारी दी गई है।
बयान में कहा गया है कि सरकार के इस फैसले से किसानों को उनकी उपज की बेहतर कीमत मिल सकेगी जिससे अगले खरीफ और रबी सीजन में किसान दालों की बुवाई का रकबा बढ़ाने के लिए प्रेरित होंगे। इससे दालों का घरेलू उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे पहले सरकार ने 2 जून को ही तूर और उड़द की जमाखोरी रोकने के लिए स्टॉक लिमिट लगाने का फैसला किया था।
दरअसल, दलहन वर्ष 2022-23 में दालों का उत्पादन घटा है, खासकर अरहर और उड़द का। इसकी वजह से घरेलू बाजार में इनकी कीमतें बढ़ रही हैं। अरहर और उड़द का पर्याप्त मात्रा में आयात भी हो रहा है इसके बावजूद कीमतें नियंत्रण में नहीं आ रही हैं। सरकार को इस तरह की रिपोर्ट मिली थी कि दालों के आयातक विदेश में ही इन दालों की जमाखोरी कर रहे हैं। इसे देखते हुए सरकार ने पहले निगरानी समिति बनाई, फिर स्टॉक की जानकारी देने का निर्देश जारी किया और उसके बाद स्टॉक लिमिट लगाई। अब खरीद सीमा हटाने का फैसला किया है।