प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई आर्थिक मामलों की मंत्रीमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में इथेनॉल आपूर्ति वर्ष ( ईएसवाई) 1 दिसंबर, 2022 से 31 अक्टूबर, 2023 तक के लिए इथेनॉल ब्लैंडिंग पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम के तहत गन्ने से बनने इथेनॉल कीमतों को बढ़ाने की मंजूरी दी। गन्ने को कच्चे माल की तरह उपयोग कर बनाये जाने वाले इथेनॉल की कीमत सी हैवी शीरा (मोलेसैज) से बनने वाले इथेनॉल की कीमत 46.66 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 49.41 रुपये प्रति लीटर, बी हैवी मोलैसेज से बनने वाले इथेनॉल की कीमत 59.08 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 60.73 रुपये प्रति लीटर और गन्ने के रस से सीधे बनने वाले इथेनॉल के दाम 63.45 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 65.61 रुपये प्रति लीटर कर दिये गये हैं। जीएसटी और ट्रांसपोर्ट चार्ज इस कीमत के अतिरिक्त होगा। पांच साल पहले सरकार ने 2030 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल ब्लैंडिंग का लक्ष्य रखा था।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने कीमत बढ़ाने के सरकार के इस फैसले का स्वागत किया लेकिन कहा है कि नई क्षमता निर्माण में अतिरिक्त निवेश को बढ़ावा देने के लिए बढ़ी हुई कीमतें पर्याप्त नहीं है।
सीसीईए बैठक के बाद सरकार द्वारा बयान में कहा गया है कि सभी डिस्टिलरी इस योजना का लाभ उठा सकेंगी और उनमें से बड़ी संख्या में ईबीपी कार्यक्रम के लिए इथेनॉल की आपूर्ति करने की उम्मीद है। इथेनॉल आपूर्तिकर्ताओं को लाभकारी मूल्य गन्ना किसानों को तेजी से भुगतान करने में मदद करेगा, और गन्ना किसानों की कठिनाई को कम करने में योगदान देगा।
सरकार इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम को लागू कर रही है, विशेष रूप से तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) 10 प्रतिशत तक इथेनॉल युक्त पेट्रोल बेच रही हैं। यह कार्यक्रम वैकल्पिक और पर्यावरण के अनुकूल ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए अंडमान निकोबार और लक्षद्वीप द्वीप समूह के केंद्र शासित प्रदेशों को छोड़कर पूरे भारत में एक अप्रैल, 2019 से लागू किया गया है। इसका उद्देश्य ऊर्जा जरूरतों के लिए आयात पर निर्भरता को कम करना और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देना है।
सरकार ने 2014 से इथेनॉल के मूल्य को अधिसूचित किया है। पहली बार, इथेनॉल उत्पादन के लिए उपयोग किए जाने वाले फीड स्टॉक के आधार पर 2018 के दौरान सरकार द्वारा इथेनॉल के अलग-अलग मूल्य की घोषणा की गई थी। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों द्वारा इथेनॉल की खरीद इथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2013-14 में 38 करोड़ लीटर से बढ़कर वर्तमान ईएसवाई 2021 में 452 करोड़ लीटर हो गई। नवंबर, 2022 की लक्ष्य तिथि से काफी पहले, जून, 2022 में औसत 10 फीसदी इथेनॉल ब्लैंडिंग का प् लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है।
सरकार ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल सम्मिश्रण का लक्ष्य 2030 रखा था जिसे अब 2025-26 कर दिया है। सरकार ने "भारत में इथेनॉल ब्लैंडिंग के लिए रोडमैप 2020-25" जारी किया है। इथेनॉल की कमी वाले राज्यों में समर्पित इथेनॉल संयंत्रों (डीईपी) की 431 करोड़ लीटर प्रति वर्ष क्षमता स्थापित करने के लिए निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए दीर्घकालिक ऑफ-टेक समझौता (एलटीओए) करने की पहल की गई है। जिससे आने वाले वर्षों में पच्चीस हजार से तीस हजार करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है।
सरकार के फैसले पर इस्मा के महानिदेशक सोन्जॉय मोहंती ने 2022-23 के चीनी आपूर्ति सीजन के लिए इथेनॉल की कीमत में संशोधन का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि सी-हैवी शीरे और बी-हैवी शीरे से निर्मित इथेनॉल के लिए संशोधित कीमतों की घोषणा की गई है जो चीनी मिलों को अधिक चीनी को एथेनॉल उत्पादन की ओर तऱफ मोड़ने के लिए प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने कहा कि गन्ने के रस / चीनी सिरप से सीधे निर्मित इथेनॉल की कीमत में संशोधन नई क्षमता निर्माण में अतिरिक्त निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए पर्याप्त नहीं है। चीनी के रस/सिरप से उत्पादित इथेनॉल की कीमत 5 साल की पेबैक अवधि के साथ इक्विटी पर रिटर्न (आरओई) पर आधारित होनी चाहिए जो इस समय 69.85 रुपये प्रति लीटर बनती है।
मोहंती ने कहा कि सरकार द्वारा आज घोषित 65.61 रुपये/लीटर की कीमत कम है । हम सरकार से अनुरोध करेंगे कि एथेनॉल की कीमत पर फिर से विचार किया जाए और उसकी कीमत बढ़ाई जाए। उन्होंने कहा कि 2022-23 इथेनॉल आपूर्ति वर्ष एक महत्वपूर्ण वर्ष है क्योंकि देश में 12 फीसदी इथेनॉल ब्लैंडिंग का लक्ष्य हासिल करना है। उसकी कुल जरूरत 651 करोड़ लीटर एथेनॉल की है। चीनी मिलों से लगभग 45 लाख टन चीनी को इथेनॉल का उत्पादन करने लिए डायवर्ट करने की उम्मीद है।