वैश्विक हालात से खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता की जरूरत सामने आईः आईवीपीए

आईवीपीए प्रेसिडेंट देसाई ने कहा कि मौजूदा हालात में खाद्य तेलों के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का मुद्दा एक बार फिर उभर कर सामने आया है। उन्होंने कहा कि राउंडटेबल कांफ्रेंस का उद्देश्य इन समस्याओं का समाधान तलाशना, साझेदारी बनाना और भारत को खाद्य तेल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के मकसद से एक रोडमैप तैयार करना है

पहले कोविड-19 महामारी और फिर यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध ने खाद्य तेल सेक्टर के सामने कई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। इन चुनौतियों में खाद्य तेलों की डिमांड और सप्लाई को पूरा करना, उनका उत्पादन तथा अन्य कार्य शामिल हैं। ऐसे में खाद्य तेलों के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का मुद्दा एक बार फिर उभर कर सामने आया है। खाद्य तेल वैल्यू चेन में शामिल विभिन्न पक्षों की अपेक्स संस्था इंडियन वेजिटेबल ऑयल प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (आईवीपीए) के प्रेसिडेंट सुधाकर देसाई ने यह बात कही।

वे शुक्रवार को हैदराबाद में एसोसिएशन की तरफ से आयोजित वनस्पति तेल और तिलहन सेक्टर पर ग्लोबल राउंडटेबल 2022 में बोल रहे थे। इस कांफ्रेंस का आयोजन एसोसिएशन ने राउंड टेबल ऑन सस्टेनेबल पाम ऑयल, (आरएसपीओ), सेंटर फॉर रिस्पांसिबल बिजनेस (सीआरबी) और मलेशियन पाम ऑयल काउंसिल (एमपीओसी) के साथ मिलकर किया।

आईवीपीए प्रेसिडेंट देसाई ने कहा कि मौजूदा हालात में खाद्य तेलों के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का मुद्दा एक बार फिर उभर कर सामने आया है। उन्होंने कहा कि राउंडटेबल कांफ्रेंस का उद्देश्य इन समस्याओं का समाधान तलाशना, साझेदारी बनाना और भारत को खाद्य तेल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के मकसद से एक रोडमैप तैयार करना है। एसोसिएशन का गठन 1977 में किया गया था। खाद्य तेल वैल्यू चेन से जुड़े सभी पक्ष इसके सदस्य हैं।

राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन तेलंगाना के म्युनिसिपल एडमिनिस्ट्रेशन और शहरी विकास, उद्योग तथा वाणिज्य और इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्री के टी रामाराव ने कृषि एवं मार्केटिंग तथा कोऑपरेटिव मंत्री एस निरंजन रेड्डी के साथ मिलकर किया। इस मौके पर वाणिज्य उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव जयेश रंजन भी मौजूद थे।