चालू वित्त वर्ष (2023-24) में कृषि और सहयोगी क्षेत्र की विकास दर एक फीसदी से भी नीचे चली गई है और इसके 0.7 फीसदी पर रहने का अनुमान है। जबकि पिछले साल कृषि क्षेत्र 4.7 फीसदी की दर से बढ़ा था। वहीं चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में कृषि और सहयोगी क्षेत्र के उत्पादन में 0.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है यानी यह क्षेत्र ग्रोथ करने के बजाय सिकुड़ रहा है। हालांकि, चालू साल में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.6 फीसदी रहने का अनुमान है जो तीसरी तिमाही (अक्तूबर से दिसंबर, 2023) के दौरान 8.2 फीसदी रही है।
इन आंकड़ों से यह बात साफ हो गई है कि पिछला मानसून सामान्य नहीं रहा और देश का बड़ा हिस्सा सूखे की चपेट में था। यही नहीं इस स्थिति के चलते कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है। ग्रामीण मार्केट से मांग की कमजोर स्थिति की मुख्य वजह कमजोर वृद्धि दर है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा गुरुवार को जारी आर्थिक वृद्धि दर के आंकड़ों से यह तस्वीर उभरी है।
एनएसओ के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की ग्रोथ बढ़कर 8.4 फीसदी तक पहुंच गई जो एक साल पहले 4.3 फीसदी थी। इससे चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 7.6 फीसदी रहने का अनुमान है। मैन्युफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन और माइनिंग सेक्टर में आए सुधार की वजह से जीडीपी की ग्रोथ बढ़ी है लेकिन साथ ही कृषि क्षेत्र में गिरावट आई। मतलब, देश की अर्थव्यवस्था तो बढ़ रही है लेकिन कृषि और संबंधित क्षेत्रों के उत्पादन में गिरावट आई है।
चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ 11.6 फीसदी रही जबकि माइनिंग में 7.5 फीसदी ग्रोथ हुई। कंस्ट्रक्शन सेक्टर की ग्रोथ 9.5 फीसदी रही है। लेकिन इस दौरान कृषि क्षेत्र के उत्पादन में 0.8 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। चालू वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र की ग्रोथ गत वर्ष के 4.7 फीसदी के मुकाबले घटकर 0.7 फीसदी रह जाएगी। यह आंकड़ा कृषि और संबंधित क्षेत्रों के लिए खतरे की घंटी है।
व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से संबंधित सेवाओं में तीसरी तिमाही के दौरान 6.7 प्रतिशत की ग्रोथ रही जबकि गत वर्ष समान अवधि में इन क्षेत्रों में 9.2 प्रतिशत की ग्रोथ थी। वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं में 7 फीसदी की वृद्धि हुई, जो एक साल पहले 7.7 फीसदी थी।
एनएसओ ने चालू वित्त वर्ष के लिए दूसरा अग्रिम अनुमान भी जारी किया है। जनवरी में जारी पहले अग्रिम अनुमान में इस वर्ष जीडीपी ग्रोथ 7.3 फीसदी रहने की संभावना जताई गई थी। दूसरे अग्रिम अनुमानों के मुताबिक, वर्ष 2023-24 में जीडीपी ग्रोथ 7.6 फीसदी रहेगी। जबकि 2022-23 में जीडीपी विकास दर 7.0 प्रतिशत थी। एनएसओ ने 2022-23 के लिए जीडीपी की ग्रोथ के पहले के अनुमान 7.2 फीसदी को घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया।