भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने ए1 और ए2 दूध का दावा कर डेयरी उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाने के अपने आदेश को वापस ले लिया है। एफएसएसएआई ने एक स्पष्टीकरण जारी किया है जिसमें कहा गया है कि इस मुद्दे पर डेयरी उद्योग के कारोबारियों और हितधारकों के साथ गहन चर्चा की जाएगी और इसके बाद निर्णय लिया जाएगा। तब तक के लिए एफएसएसएआई इस संबंध में जारी अपना पुराना आदेश वापस लेता है।
एफएसएसएआई ने 21 अगस्त, 2024 को दूध और दूध उत्पादों में ए1 और ए2 के नाम पर किए जा रहे दावों को खाद्य सुरक्षा मानक कानून का उल्लंघन करार देते हुए उन्हें हटाने का निर्देश दिया था। पहले के आदेश में कंपनियों को अपने उत्पादों से ए1 और ए2 के दावे तुरंत हटाने को कहा गया था।
एफएसएसएआई ने कहा था कि ए1 और ए2 का अंतर केवल प्रोटीन की संरचना से संबंधित है, जो उपभोक्ताओं के लिए भ्रमित करने वाला हो सकता है। खाद्य सुरक्षा और मानक विनियम, 2011 में दूध के मानक के तौर पर ए1 या ए2 प्रकार का कोई उल्लेख नहीं है। एफएसएसएआई ने मौजूदा प्री-प्रिंटेड लेबल्स का उपयोग जारी रखने के लिए छह महीने की समयसीमा भी दी थी।
21 अगस्त को जारी एफएसएसएआई का आदेश
भारतीय डेयरी एसोसिएशन और कई डेयरी विशेषज्ञों ने एफएसएसएआई के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा था कि यह कदम उपभोक्ताओं को ए1 और ए2 दूध और दूध उत्पादों के बीच श्रेष्ठता को लेकर अवैज्ञानिक दावों से सुरक्षा प्रदान करेगा। हालांकि, कुछ ही दिनों में एफएसएसएआई ने अपना आदेश वापस ले लिया है।