न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी को लागू कराने के लिए गठित एमएसपी राष्ट्रीय मोर्चा का कहना है कि वह एमएसपी की लड़ाई अब पूरे देश में हर गांव के घर-घर तक पहुंचाएगा। इसके लिए 10 नवंबर को न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी राष्ट्रीय कोर कमेटी की बैठक दिल्ली में आयोजित की गई। इस बैठक में मोर्चे ने एमएसपी की कानूनी गारंटी के लिए अपने राष्ट्रीय कार्यक्रम की रुपरेखा तैयार की। जिसके तहत इस मुद्दे को गांव-गांव में हर किसान तक पहुंचाने के साथ ही प्रधानमंत्री को इसे लागू करने के लिए पत्र भेजने और किसानों को जागरूक करने की रणनीति शामिल है। एमएसपी की कानूनी गारंटी के लिए गठित राष्ट्रीय मोर्चा के अध्यक्ष वी.एम. सिंह ने कोर कमेटी की बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि इस रणनीति के तहत हम आंदोलन को देश के हर गांव में हर किसान तक पहुंचाएंगे और उन्हें एमएसपी की कानूनी गारंटी के लिए जागरूक करेंगे।
कोर कमेटी की बैठक में देश के कई राज्यों से आए विभिन्न किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से किसान नेता वीएम सिंह को हेतु गठित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी ) गारंटी कानून हेतु गठित राष्ट्रीय मोर्चे का राष्ट्रीय अध्यक्ष और डॉ. राजाराम त्रिपाठी को राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता चुना गया।
अध्यक्ष वीएम सिंह को समस्त राज्यों के सदस्यों तथा अन्य पदाधिकारियों के चयन हेतु सर्वाधिकार सर्वसम्मति से प्रदान किए इसके साथ ही राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ राजाराम त्रिपाठी को आवश्यकता अनुसार विभिन्न राज्यों के प्रदेश प्रवक्ता चयन करने के लिए अधिकृत किया गया। कोर कमेटी के समक्ष वीएम सिंह ने अपने प्रथम अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि एमएसपी की लड़ाई पंजाब खोड़ गांव से शुरू की गई और अब देश के प्रत्येक गांव तक पहुंचाई जाएगी ।
वीएम सिंह ने कहा कि "एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा" को देश के 27 प्रांतों के 223 किसान संगठनों का समर्थन मिला है। देश का प्रत्येक किसान परिवार इस मुहिम का हिस्सेदार बने इसलिए गांव गांव में प्रचार कर समर्थन जुटाया जा रहा है। गांव में दीवार पुताई, प्रभात फेरी, बैनर एवम पोस्टर लगाकर हर परिवार तक एमएसपी के फायदे को बताया जाएगा । गांव की समिति अपने अपने तरीके से एमएसपी का माहौल बनाने का काम करेगी जिसका मुख्य लक्ष्य और नारा होगा "गांव गांव एमएसपी - हर घर एमएसपी" ।
इसी क्रम में यह तय किया गया कि देश की समस्त ग्राम पंचायतों में ग्राम सभा का प्रस्ताव या प्रधान/ सरपंचों की चिट्ठी या गांव वालों के द्वारा सीधी चिट्ठी प्रधानमंत्री को लिखी जाएगी जिसके लिए लगभग दो माह का समय निर्धारित किया गया है। इसके उपरांत नए साल की शुरुआत करते हुए एक जनवरी से ये चिट्ठियां निरंतर अंतराल पर जिला अधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को भेजी जाएंगी और नए साल के ही दिन सोशल मीडिया से शुरुआत होगी और उसी शाम ट्विटर पर गांव गांव एमएसपी हर घर एमएसपी की मुहिम की शुरुआत होगी ।
जिला अधिकारी के माध्यम से भेजी गई चिट्ठियों की लाखों प्रतियां 23 मार्च, 2023 को शहीद दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंपी जाएगी। आज की बैठक में प्रांतीय सम्मेलनों की तिथियां भी निर्धारित की गई जिसके तहत एक दिसंबर को महाराष्ट्र के पुणे में और 10 दिसंबर को पंजाब में सम्मेलन होना तय किया गया। दिल्ली से अपने राज्यों में लौटकर कोर कमेटी के सदस्य राज्य के किसान संगठनों से चर्चा कर अपने-अपने राज्यों की प्रांतीय सम्मेलन की तिथियां आने वाले एक मास के भीतर में मोर्चे को देंगे। आज के अधिवेशन के तहत एमएसपी का हर प्रांतीय सम्मेलन राज्य गांवों में ही किया जाएगा ।
इस मौके पर कोर कमेटी की बैठक में उपस्थित लोगों जू शेट्टी, वीएम सिंह, रामपाल जाट, चंद्रशेखर, जसकरण सिंह,अलफोंड बर्थ और अन्य सदस्य शामिल थे। जो सदस्य दिल्ली नहीं आ सके वह बैठक में वर्चुअल तरीसे शामिल हुए।