नई दिल्ली
रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया की देश में उर्वरकों औऱ यूरिया की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि अधिकांश उर्वरक संयंत्रों में निजी बिजली संयंत्र स्थापित हैं और ग्रिड से बिजली लेने की व्यवस्था भी है। उन्होंने कहा कि इफको के कांडला संयंत्र में साल 2020-21 में 9,460 टन और साल 2021-22 में काम्पलेक्स उर्वरकों के उत्पादन में 2,420 टन की मामूली कमी दर्ज की गई थी।
भगवंत खुबा ने खरीफ और रबी सीजन के बीच कुछ राज्यों खासकर कुछ जिलों में डीएपी उर्वरकों की कमी की सूचना दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों के अनुरोध के आधार पर डाई-अमोनियम फास्फेट (डीएपी) के रैक जरूरत को पूरा करने के लिए भेजे गए थे।
मंत्री ने कहा कि मौजूदा रबी सीजन 2021-22 के दौरान देश में डीएपी उर्वरक पूरी तरह से उपलब्ध है।उर्वरक की कीमतों पर एक अलग सवाल के जवाब पर मंत्री ने कहा कि इस साल वैश्विक बाजार में कच्चे माल और तैयार पी एंड के उर्वरकों की कीमतों में वृद्धि हुई है। जबकि सरकार ने, किसानों का समर्थन करने के लिए, गैर-यूरिया उर्वरकों के लिए सब्सिडी दरों को दोगुना कर दिया गया है, उन्होंने कहा यूरिया क्षेत्र में नए निवेश की सुविधा के लिए सरकार ने नई निवेश नीति-2012 अधिसूचित की है।
मंत्री खुबा ने कहा कि सरकार ने यूरिया उत्पादन में ऊर्जा दक्षता बढ़ाने और स्वदेशी यूरिया उत्पादन को बढ़ाने की दृष्टिकोण से सरकार पर सब्सिडी के बोझ को युक्तिसंगत बनाने के लिए मौजूदा 25 गैस आधारित यूरिया इकाइयों-2015 के लिए नई यूरिया नीति-2015 भी अधिसूचित की है।