नैनो यूरिया की सफलता के बाद केंद्र सरकार ने अब नैनो लिक्विड डीएपी (डाई अमोनिया फॉस्फेट) को बाजार में उतारने की मंजूरी दे दी है। केंद्रीय उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने शनिवार को यह घोषणा की है। किसानों को फायदा पहुंचाने और देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इससे न केवल किसानों को डीएपी की बोरी खेत तक ढो कर ले जाने के झंझट से मुक्ति मिलेगी बल्कि डीएपी की आयात निर्भरता कम होगी जिससे आयात बिल और उर्वरक सब्सिडी में काफी बचत होगी। आधा लीटर वाले नैनो डीएपी की कीमत 600 रुपये होगी।
मनसुख मांडविया ने शनिवार को अपने ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट कर यह जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘उर्वरक में आत्मनिर्भरता की तरफ एक और बड़ी उपलब्धि। भारत सरकार ने नैनो यूरिया के बाद अब नैनो डीएपी को भी मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विजन आत्मनिर्भर भारत के तहत यह सफलता किसानों को अत्यधिक लाभ देने वाली है। अब एक बैग डीएपी भी एक बोतल डीएपी के रूप में मिलेगा।’ इससे पहले उर्वरक सहकारी संघ ईफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने शुक्रवार को ही ट्वीट कर यह जानकारी दे दी थी कि कृषि मंत्रालय ने नैनो लिक्विड डीएपी को मंजूरी दे दी है। इसके उत्साहजनक परिणामों को देखते हुए इसे उर्वरक नियंत्रण आदेश (एफसीओ) में अधिसूचित किया गया है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा था कि यह भारतीय कृषि और अर्थव्यवस्था के लिए गेम चेंजर साबित होगा। उनके ट्वीट करने के तुरंत बाद रूरल वॉयस ने ही सबसे पहले नैनो डीएपी की मंजूरी की जानकारी दी थी।
केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया के शनिवार को किए गए ट्वीट को रिट्वीट करते हुए डॉ. अवस्थी ने उन्हें धन्यवाद दिया और कहा, ‘मंत्री जी ने नैनो डीएपी के लिए हमें लगातार प्रेरित किया। मृदा और पर्यावरण संरक्षण एवं किसानों की समृद्धि के लिए नैनो आधारित और उत्पाद लाने के लिए इफको प्रयासरत है।’ इससे पहले 2021 में ईफको बाजार में नैनो यूरिया उतार चुका है। नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के बाद अब ईफको की योजना नैनो पोटाश, नैनो जिंक और नैनो कॉपर भी उतारने की है।
डॉ. अवस्थी ने दिसंबर 2022 में रूरल वॉयस के एक कार्यक्रम में कहा था कि ईफको नैनो डीएपी के 500 एमएल बोतल की कीमत 600 रुपये होगी। आधा लीटर बोतल 50 किलो वाले डीएपी की बोरी के बराबर असरदार होगी। एक बोरी डीएपी की कीमत अभी सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी के बाद 1,350 रुपये है। ईफको ने नैनो यूरिया के उत्पादन के लिए उत्तर प्रदेश और गुजरात में प्लांट लगाए हैं। जबकि झारखंड में एक प्लांट लगाने के लिए शिलान्यास किया गया है। नैनो यूरिया के आधा लीटर बोतल की कीमत 240 रुपये है। इस पर सरकार किसानों को कोई सब्सिडी नहीं दे रही है।
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देश में करीब 2.6 करोड़ टन यूरिया का उत्पादन होता है, जबकि मांग करीब 3.5 करोड़ टन है। उत्पादन और मांग के बीच के इस अंतर को आयात के माध्यम से पूरा किया जाता है। भारत अपनी घरेलू मांग को पूरा करने के लिए भारी मात्रा में डीएपी और एमओपी (म्यूरेट ऑफ पोटाश) का भी आयात करता है।