भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने ई-नीलामी के जरिये थोक खरीदारों को 25 लाख टन गेहूं बेचने की योजना बनाई है। 1 फरवरी से ई-नीलामी की शुरुआत होगी और हर हफ्ते नीलामी की जाएगी। इसके लिए गेहूं का रिजर्व प्राइस 2,350 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है। खरीदारों को गेहूं ढुलाई की कीमत भी इसके साथ देनी होगी। एफसीआई के सीएमडी अशोक के मीणा ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी।
देश में गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों को देखते हुए एक दिन पहले गुरुवार को ही सरकार ने अपने बफर स्टॉक से खुले बाजार बिक्री योजना (ओपन मार्केट सेल स्कीम) के तहत अलग-अलग रूट से 30 लाख टन गेहूं बिक्री करने की घोषणा की थी। इसमें से 25 लाख टन गेहूं की बिक्री आटा मिलों जैसे थोक खरीदारों को ई-नीलामी के जरिये की जाएगी। जबकि 2 लाख टन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दिए जाएंगे। बाकी 3 लाख टन गेहूं सरकारी कंपनियों, को-ऑपरेटिव, फेडरेशन, केंद्रीय भंडार, एनसीसीएफ, नाफेड इत्यादि को बिना नीलामी के 2,350 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर बिक्री की जाएगी। इन्हें गेहूं इसी शर्त पर मिलेगा कि ये अधिकतम 29.50 रुपये प्रति किलो की दर से आम लोगों को आटे की बिक्री करेंगे।
मीडिया से बातचीत में अशोक मीणा ने बताया, "1 फरवरी से ई-नीलामी की शुरुआत होगी और 15 मार्च तक चलेगी। तब तक नई फसल आ जाएगी। साप्ताहिक आधार पर प्रत्येक बुधवार को ई-नीलामी होगी। इसके लिए रिजर्व प्राइस 2,350 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है। साथ में माल ढुलाई की कीमत भी देनी होगी। एक नीलामी में किसी एक खरीदार को न्यूनतम 10 टन और अधिकतम 3,000 टन गेहूं मिलेगा।" एफसीआई ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों को न केवल गेहूं की ई-नीलामी के लिए टेंडर जारी करने का निर्देश दिया है, बल्कि स्थानीय आटा मिलों, व्यापारियों और गेहूं उत्पाद निर्माताओं को एफसीआई के मंच पर खुद को पंजीकृत करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए भी कहा गया है ताकि वे ई-नीलामी में भाग ले सकें।
एफसीआई प्रमुख ने बताया कि पूरे देश में गेहूं का स्टॉक उपलब्ध है और सभी राज्य स्टॉक उपलब्ध करा सकेंगे। मध्य प्रदेश और पंजाब में लगभग 5 लाख टन, महाराष्ट्र में 4 लाख टन, राजस्थान में 2.5 लाख टन, बिहार में 1.55 लाख टन, पश्चिम बंगाल में 1.25 लाख टन और हरियाणा में 1 लाख टन गेहूं की पेशकश की जाएगी। गेहूं के लिए निर्धारित आरक्षित मूल्य अधिग्रहण मूल्य के बराबर है और 2,654 रुपये प्रति क्विंटल की कुल लागत से कम है। शुरुआत में पुराने स्टॉक की बिक्री की जाएगी। बाद में मांग के आधार पर नई फसल की बिक्री की जाएगी। एफसीआई के बफर स्टॉक में इस समय लगभग 156.96 लाख टन गेहूं है। घरेलू बाजार में कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए पिछले साल मई में सरकार ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। हाल के दिनों में बाजार में गेहूं की उपलब्धता कम होने से कीमतें फिर बढ़ने लगी थी जिसे रोकने के लिए ही सरकार ने खुली बिक्री की घोषणा की है।
मीणा ने यह भी बताया कि खरीफ पैदावार में अनुमानित गिरावट के बावजूद सितंबर में समाप्त होने वाले चालू विपणन वर्ष 2022-23 में धान खरीद पिछले साल के स्तर 592 लाख टन को छूने की संभावना है। उन्होंने कहा, "जिस तरह से धान की खरीद हो रही है उसे देखते हुए उम्मीद है कि कुल खरीद पिछले साल के 592 लाख टन के स्तर तक पहुंच जाएगी। जबकि लक्ष्य 600 लाख टन का है। 26 जनवरी तक लगभग 426 लाख टन धान की खरीद हो चुकी है। एक साल पहले की इसी अवधि में यह 410 लाख टन था।"