न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किसानों की फसलों की खरीद के लिए एमएसपी गारंटी कानून की मांग को लेकर दिल्ली में जुटे किसान संगठनों की कोर कमेटी में शनिवार को चर्चा हुई। इसके साथ ही आगामी कार्यक्रम की भी घोषणा की गई। अधिवेशन में तय हुआ कि हर गांव से प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी जाएगी। किसान संगठनों ने नया नारा बनाया है- "गांव गांव एमएसपी - हर घर एमएसपी"।
शनिवार को अधिवेशन के अंतिम दिन राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के संयोजक वीएम सिंह ने कहा कि एमएसपी की लड़ाई पंजाब खोड़ गांव से शुरू की गई और देश के प्रत्येक गांव तक पहुंचाई जाएगी। उन्होंने कहा कि 27 प्रांतों के 220 किसान संगठनों से इस अधिवेशन में एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा को समर्थन मिला।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक किसान परिवार इस मुहिम का हिस्सेदार बने, इसलिए गांव-गांव में प्रचार कर समर्थन जुटाया जाएगा। गांव में दीवार पुताई, प्रभात फेरी, बैनर एवं पोस्टर लगाकर हर परिवार तक एमएसपी के फायदे को बताया जाएगा। गांव की समिति अपने-अपने तरीके से एमएसपी का माहौल बनाने का काम करेगी जिसका मुख्य लक्ष्य और नारा होगा "गांव गांव एमएसपी - हर घर एमएसपी"।
अधिवेशन में तय किया गया कि ग्राम सभा का प्रस्ताव या प्रधान की चिट्ठी या गांव वालों की तरफ से प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी जाएगी, जिसके लिए ढाई माह का समय निर्धारित किया गया है। इसके बाद नए साल में 1 जनवरी से ये चिट्ठियां निरंतर अंतराल पर जिला अधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को भेजी जाएंगी। नए साल के ही दिन ट्विटर पर गांव-गांव एमएसपी हर घर एमएसपी की मुहिम की शुरुआत होगी। जिला अधिकारी के माध्यम से भेजी गई चिट्ठियों की लाखों प्रतियां 23 मार्च 2023 को शहीद दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंपी जाएगी।
यह भी तय हुआ कि नवंबर से ही प्रांतीय सम्मेलन होंगे। पहला सम्मेलन 10 दिसंबर को पंजाब में आयोजित किया जाएगा। एमएसपी का हर प्रांतीय सम्मेलन गांव में ही किया जाएगा। इस मौके पर पूरी कोर कमेटी उपस्थित थी जिसमें राजू शेट्टी, जलपुरुष राजेंद्र सिंह, रामपाल जाट, बलराज भाटी, कोड़ीहाली चंद्रशेखर, जसकरण सिंह, छोटेलाल श्रीवास्तव, अलफोंड बर्थ आदि शामिल थे।