अक्टूबर में कम बारिश के बावजूद प्रमुख जलाशयों में जल स्तर बेहतर, लेकिन उत्तरी राज्यों के जलाशयों में पिछले साल से कम पानी

अक्टूबर में कम बारिश के बावजूद देश के प्रमुख जलाशयों में जल स्तर की स्थिति बेहतर बनी हुई है, जिससे रबी फसलों की सिंचाई के लिए अच्छी संभावना बन गई है।

अक्टूबर में 7 फीसदी कम बारिश के बावजूद देश के प्रमुख जलाशयों में जल स्तर की स्थिति बेहतर बनी हुई है। जल स्तर में हफ्ते भर में भले ही एक अरब घन मीटर (बीसीएम) की कमी दर्ज की गई है, लेकिन पिछले साल की तुलना में स्थिति काफी बेहतर है, जिससे रबी फसलों के लिए अच्छी संभावना बन गई है। देश के कई हिस्सों में जलाशयों का पानी खेती में इस्तेमाल होता है। इस वर्ष अच्छी बारिश के चलते जलाशयों में पर्याप्त पानी जमा हुआ है, जिससे रबी सीजन में फसलों की सिंचाई के लिए पानी की कमी होने की संभावना नहीं है।

केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के मुताबिक, 7 सितंबर तक देश के 150 प्रमुख जलाशयों में 154.981 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) पानी दर्ज किया गया, जो उनकी कुल क्षमता का 86 फीसदी है। पिछले साल इसी समय जलाशयों में 123.761 बीसीएम पानी था, जबकि सामान्य रूप से इनमें 133.574 बीसीएम पानी होता है। इस साल जल स्तर पिछले साल के मुकाबले 25.22 फीसदी और सामान्य जल संग्रह के मुकाबले 16.02 फीसदी अधिक है।

देश के उत्तरी क्षेत्र में स्थित जलाशयों में कुल क्षमता का 62 फीसदी पानी भरा हुआ है, जिसमें हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान के जलाशय शामिल हैं। सीडब्ल्यूसी की निगरानी में यहां 11 जलाशय हैं, जिनकी कुल क्षमता 19.836 बीसीएम है। 7 सितंबर तक इन जलाशयों में 12.356 बीसीएम पानी था, जो कुल क्षमता का 62 फीसदी है। पिछले साल इसी समय जल स्तर 76 फीसदी था और सामान्य स्तर भी 76 फीसदी है। इस साल का जल स्तर पिछले साल और सामान्य स्तर दोनों से कम है।

पूर्वी क्षेत्र में असम, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, नगालैंड और बिहार के 25 जलाशय सीडब्ल्यूसी की निगरानी में आते हैं। इनकी कुल संग्रहण क्षमता 20.798 बीसीएम है। 7 सितंबर तक इन जलाशयों में 15.602 बीसीएम पानी था, जो कुल क्षमता का 75 फीसदी है। पिछले साल इसी समय जल स्तर 72 फीसदी था, जबकि सामान्य तौर पर यह 73 फीसदी रहता है। इस साल का जल स्तर पिछले साल और सामान्य स्तर से बेहतर है।

पश्चिमी क्षेत्र में गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा के जलाशय शामिल हैं। सीडब्ल्यूसी की निगरानी में यहां 50 जलाशय हैं, जिनकी कुल संग्रहण क्षमता 37.357 बीसीएम है। 7 सितंबर तक इन जलाशयों में 35.999 बीसीएम पानी था, जो कुल क्षमता का 96 फीसदी है। पिछले साल इसी समय जल स्तर 86 फीसदी था और सामान्य स्तर 78 फीसदी रहता है। इस साल का जल स्तर पिछले साल और सामान्य स्तर दोनों से बेहतर है।

मध्य क्षेत्र में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के जलाशय आते हैं। सीडब्ल्यूसी की निगरानी में यहां 26 जलाशय हैं, जिनकी कुल संग्रहण क्षमता 48.227 बीसीएम है। 7 सितंबर 2024 तक इन जलाशयों में 42.391 बीसीएम पानी था, जो कुल क्षमता का 88 फीसदी है। पिछले साल इसी समय जल स्तर 78 फीसदी था और सामान्य स्तर भी 78 फीसदी है। इस साल का जल स्तर पिछले साल और सामान्य स्तर दोनों से बेहतर है।

दक्षिणी क्षेत्र में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के 43 जलाशय सीडब्ल्यूसी की निगरानी में हैं, जिनकी कुल संग्रहण क्षमता 54.634 बीसीएम है। 7 सितंबर तक इन जलाशयों में 48.633 बीसीएम पानी था, जो कुल क्षमता का 89 फीसदी है। पिछले साल इसी समय जल स्तर 44 फीसदी था और सामान्य स्तर 67 फीसदी है। इस साल का जल स्तर पिछले साल और सामान्य स्तर दोनों से बेहतर है।