चालू खरीफ सीजन 2023-24 की बुवाई खत्म हो चुकी है। खरीफ की प्रमुख फसल धान की अगैती और कम अवधि वाले किस्म की कटाई भी शुरू हो गई है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, चालू खरीफ सीजन में धान की बुवाई का रकबा पिछले साल के मुकाबले 10 लाख हेक्टेयर बढ़ा है। यही नहीं सामान्य तौर पर खरीफ सीजन में होने वाली धान की बुवाई के औसत रकबे से भी यह ज्यादा पर पहुंच गया है।
खरीफ सीजन में धान की औसत बुवाई का रकबा 399.45 लाख हेक्टेयर है लेकिन इस साल मानसून की बारिश में 11 फीसदी की कमी के बावजूद धान बुवाई का कुल क्षेत्रफल 403.41 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है। यह पिछले साल के मुकाबले 10.60 लाख हेक्टेयर ज्यादा है। पिछले साल 392.81 लाख हेक्टेयर में धान की बुवाई हुई थी। हालांकि, दलहन फसलों की बुवाई ने चिंता बढ़ा दी है क्योंकि दालों की बुवाई 8.58 फीसदी घटकर 119.91 लाख हेक्टेयर रह गई है। पिछले साल 131.71 लाख हेक्टेयर में दालहन फसलों की बुवाई हुई थी।
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, मोटे अनाजों की बुवाई अब तक 182.21 लाख हेक्टेयर में हुई है जो एक साल पहले की अवधि के 181.24 लाख हेक्टेयर से थोड़ा अधिक है। तिलहन फसलों की बुवाई घटकर 191.49 लाख हेक्टेयर पर आ गई है जो एक साल पहले की अवधि में 193.30 लाख हेक्टेयर रही थी। नकदी फसलों में गन्ने की बुवाई का रकबा 8 सितंबर तक बढ़कर 59.91 लाख हेक्टेयर हो गया जो एक साल पहले की अवधि में 55.65 लाख हेक्टेयर था।
कपास की बुवाई का रकबा 126.87 लाख हेक्टेयर से कम होकर 125 लाख हेक्टेयर पर और जूट/मेस्ता का 6.57 लाख हेक्टेयर रहा है। आंकड़ों के मुताबिक, सभी खरीफ फसलों की बुवाई के कुल क्षेत्रफल में मामूली वृद्धि हुई है और 1,088.50 लाख हेक्टेयर रहा है, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 1,088.02 लाख हेक्टेयर था।