नकली कीटनाशक बनाने वाली एक फैक्ट्री का दिल्ली पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। बाहरी दिल्ली के बवाना इलाके के पूठ खुर्द में स्थित इस फैक्ट्री में सिंजेंटा, एफएमसी, धानुका, बेयर और कोर्टेवा जैसी बड़ी कीटनाशक कंपनियों के नकली उत्पाद बनाए जाते थे। पुलिस ने फैक्ट्री के मालिक रोहतक निवासी हरिओम और फैक्ट्री में काम करने वाले दो लोगों को नकली कीटनाशक बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल से परमजीत सिंह नाम के एक व्यक्ति ने शिकायत की थी कि उनके विभिन्न ग्राहकों जैसे सिंजेंटा इंडिया, एफएमसी इंडिया, धानुका एग्रीटेक, बेयर क्रॉप साइंसेज और कोर्टेवा एग्रीसाइंस के ट्रेडमार्क का गलत इस्तेमाल कर नकली कीटनाशक बनाए जा रहे हैं और देशभर के बाजारों में उनकी सप्लाई की जा रही है। शिकायत में कहा गया था कि नकली कीटनाशकों के जरिये किसानों से धोखाधड़ी की जा रही है। उनकी शिकायत के आधार पर पुलिस ने फैक्ट्री पर छापेमारी की और 3.50 करोड़ रुपये मूल्य के 3.80 टन नकली कीटनाशक जब्त किए। साथ ही कीटनाशकों की पैकिंग के अन्य सामान भी जब्त किए। छापेमारी के दौरान फैक्ट्री में काम कर रहे दो मजदूरों को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
धानुका समूह के अध्यक्ष आरजी अग्रवाल ने कहा, "इस तरह की गतिविधियां न केवल भारतीय कृषि के लिए खतरा हैं, बल्कि मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए भी हानिकारक हैं। इसका देश की खाद्य सुरक्षा और पोषण पर भी गंभीर पड़ता है। ऐसे मामलों पर कानून के तहत तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए।" धानुका एग्रीटेक देश की अग्रणी एग्रोकेमिकल कंपनियों में से एक है।
उन्होंने कहा, "किसान आमतौर पर असली और नकली कीटनाशकों के बीच के फर्क को समझने में सक्षम नहीं हैं और इसका परिणाम आज कृषि में देखा जा सकता है। अधिकांश कीटों ने मौजूदा वास्तविक कीटनाशकों के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर ली है जो अंततः किसानों की खेती की लागत को बढ़ा रहा है। कई बार कीटों की वजह से पूरी फसल नष्ट होने की स्थिति में किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं।"
बवाना पुलिस स्टेशन में इस संबंध में एफआईआर दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। एफआईआर में बताया गया है कि पुलिस ने फैक्ट्री से जब्त नकली कीटनाशकों के कुछ सैंपल को जांच के लिए भेजा है। गिरफ्तार किए गए दोनों मजदूरों ने पुलिस को बताया कि बड़ी कंपनियों के नकली उत्पाद फैक्ट्री में बनाए जाते थे।