कपास उत्पादक क्षेत्रों में अधिक बारिश और कपास के रकबे के गिरावट के चलते चालू कपास सीजन (2024-25) में उत्पादन करीब 23.04 लाख गांठ (एक गांठ में 170 किलो) घटने का अनुमान है। कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) के ताजा अनुमान के मुताबिक, अधिकांश क्षेत्रों में कम पैदावार के कारण 2024-25 (अक्टूबर-सितंबर) सीजन में कपास का उत्पादन 7.08 फीसदी घटकर 302.25 लाख गांठ रहने का अनुमान है। 2022-23 सीजन में कुल कपास उत्पादन 325.29 लाख गांठ रहा था। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, खरीफ सीजन 2024-25 में कपास की बुवाई 112.76 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई, जबकि पिछले साल कपास का क्षेत्र 123.71 लाख हेक्टेयर था।
सीएआई के मुताबिक, देश के विभिन्न संघों और व्यापार स्रोतों द्वारा प्रस्तुत फसल रिपोर्ट में बताया गया है कि कई कपास उत्पादक राज्यों में ज्यादा बारिश के कारण फसल को नुकसान हुआ है। साथ ही केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने कपास के तहत रकबे में पिछले वर्ष की तुलना में 10 फीसदी की कमी की सूचना दी है। कुल मिलाकर, सीएआई ने चालू सीजन के लिए 170 किलोग्राम प्रत्येक की 23.04 लाख गांठों की कमी का अनुमान लगाया है। इसमें उत्तरी क्षेत्र में 9.62 लाख गांठ, मध्य क्षेत्र में 11.05 लाख गांठ और दक्षिण क्षेत्र में 1.85 लाख गांठ घटने का अनुमान है।
सीएआई ने अनुमान लगाया है कि कपास सीजन 2024-25 के अंत तक (30 सितंबर, 2025 तक) कुल कपास आपूर्ति 345 लाख गांठ रहेगी, जबकि पिछले साल यह 371.69 लाख गांठ थी। सीएआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 1 अक्टूबर, 2024 को कपास सीजन 30.19 लाख गांठ के शुरुआती स्टॉक से शुरू हुआ, जो पिछले साल 28.90 लाख गांठ था।
कपास सीजन 2024-25 के अंत तक 25 लाख गांठ आयात होने की उम्मीद है, जो पिछले साल के 17.50 लाख गांठ से ज्यादा है। यानी इस बार 7.50 लाख गांठ ज्यादा आयात हो सकता है। वहीं, चालू सीजन में कपास का निर्यात 18 लाख गांठ होने की संभावना है, जो कपास सीजन 2023-24 में 28.50 लाख गांठ था। सीजन के अंत तक क्लोजिंग स्टॉक 26.44 लाख गांठ रहने का अनुमान है।