केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे गेहूं की भंडारण सीमा के आदेश का अनुपालन करें ताकि स्टॉक की जानकारी सुनिश्चित हो सके। घरेलू बाजार में गेहूं की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने 12 जून को स्टॉक लिमिट लगाने का फैसला किया है।
केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने राज्य के खाद्य सचिवों के साथ मंगलवार को एक वर्चुअल बैठक में उन्हें गेहूं की भंडारण सीमा आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने और स्टॉक की जानकारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया ताकि अनुचित व्यापार प्रथाओं की जांच हो सके। उन्होंने राज्य सरकारों से कहा कि वे अनुचित कारोबारी प्रथाओं की जांच करने और गेहूं की उपलब्धता में पारदर्शिता लाने के लिए थोक विक्रेताओं/व्यापारियों, खुदरा विक्रेताओं, बड़े रिटेल चेन और प्रोसेसर्स के पास मौजूद गेहूं के भंडारण का खुलासा करें।
केंद्र सरकार ने 12 जून को थोक विक्रेताओं, व्यापारियों, खुदरा विक्रेताओं, बड़े रिटेल चेन और प्रोसेसर के लिए 31 मार्च, 2024 तक गेहूं की भंडारण सीमा की अधिसूचना जारी की है। सरकार ने खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत केंद्रीय पूल से गेहूं और चावल बेचने का भी फैसला किया है। खाद्य मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि इन उपायों का मकसद घरेलू बाजार में कीमतों को कम करना और जमाखोरी को रोकना है।
खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के पोर्टल (evegoils.nic.in) पर स्टॉक की जानकारी देने के संबंध में एक यूजर मैनुअल भी राज्य सरकारों के साथ साझा किया गया है। स्टॉक लिमिट की अधिसूचना में कहा गया है कि विभिन्न कारोबारियों के लिए निर्धारित सीमा से ज्यादा गेहूं अगर उनके पास है तो उन्हें अधिसूचना के जारी होने के 30 दिनों के भीतर निर्धारित सीमा तक लाना होगा।
राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए हैं कि भंडारण सीमा के तहत सभी संबंधित संस्थाएं उक्त पोर्टल पर प्रत्येक शुक्रवार को नियमित रूप से गेहूं स्टॉक की अद्यतन जानकारी दें। इससे गेहूं स्टॉक की निगरानी हो सकेगी।