एनीमिया और पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत मुफ्त फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति दिसंबर 2028 तक जारी रखने का निर्णय लिया है। जुलाई 2024 से दिसंबर 2028 तक इस योजना पर 17,082 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। चावल फोर्टिफिकेशन की यह योजना सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित है। इसके तहत एक मजबूत संस्थागत व्यवस्था बनाई गई है ताकि खाद्य सब्सिडी सही तरीके से लागू हो सके।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (2019-2021) के अनुसार, एनीमिया भारत में एक बड़ी समस्या है, जो सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित करता है। विटामिन बी12 और फोलिक एसिड की कमी भी व्यापक है, जो स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डालती है।
फोर्टिफिकेशन एक प्रभावी तरीका है जिससे सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर किया जा सकता है। भारत की 65 फीसदी आबादी चावल खाती है, इसलिए चावल का फोर्टिफिकेशन पोषण सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। इसमें चावल में लौह, फोलिक एसिड और विटामिन बी12 जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व मिलाए जाते हैं, ताकि पोषण बेहतर हो सके।