केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2028 तक फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति को मंजूरी दी

केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति को दिसंबर 2028 तक जारी रखने का निर्णय लिया है। इस योजना पर 17,082 करोड़ रुपये खर्च होंगे

एनीमिया और पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत मुफ्त फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति दिसंबर 2028 तक जारी रखने का निर्णय लिया है। जुलाई 2024 से दिसंबर 2028 तक इस योजना पर 17,082 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। चावल फोर्टिफिकेशन की यह योजना सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित है। इसके तहत एक मजबूत संस्थागत व्यवस्था बनाई गई है ताकि खाद्य सब्सिडी सही तरीके से लागू हो सके।

सरकारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, प्रधानमंत्री ने 75वें स्वतंत्रता दिवस पर देश में पोषण सुरक्षा पर जोर दिया था। इसके तहत एनीमिया और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली, बाल विकास सेवा और पीएम पोषण (पहले मिड-डे मील) के जरिए फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति की जा रही है। अप्रैल 2022 में सरकार ने फैसला किया था कि मार्च 2024 तक पूरे देश में चरणबद्ध तरीके से फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति शुरू की जाएगी, और यह लक्ष्य पूरा कर लिया गया है।

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (2019-2021) के अनुसार, एनीमिया भारत में एक बड़ी समस्या है, जो सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित करता है। विटामिन बी12 और फोलिक एसिड की कमी भी व्यापक है, जो स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डालती है। 

फोर्टिफिकेशन एक प्रभावी तरीका है जिससे सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर किया जा सकता है। भारत की 65 फीसदी आबादी चावल खाती है, इसलिए चावल का फोर्टिफिकेशन पोषण सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। इसमें चावल में लौह, फोलिक एसिड और विटामिन बी12 जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व मिलाए जाते हैं, ताकि पोषण बेहतर हो सके।