दिल्ली में खत्म हुआ केजरी'काल', 27 साल बाद भाजपा की वापसी

सबसे बड़ा उलट फिर नई दिल्ली सीट पर हुआ है जहां पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल भारतीय जनता पार्टी के प्रवेश वर्मा से करीब 4 हजार वोटों से हार गए हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री आतिशी कालकाजी से जीत गई हैं। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के रमेश विधूड़ी को हराया है। लेकिन आप केवल 23 सीटों पर सिमटती दिख रही है जबकि भाजपा 47 सीटों के साथ प्रचंड बहुमत की ओर है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे साफ हो गए हैं। शाम पांच बजे तक भारतीय जनता पार्टी 48 सीटों पर आगे थी या जीत दर्ज कर चुकी थी। सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के हिस्से सिर्फ 22 सीटें आती दिख रही हैं। राज्य में कुल 70 विधानसभा सीटें हैं। तीसरी प्रमुख पार्टी कांग्रेस का इस बार भी खाता खुलता नहीं लग रहा है। राज्य में करीब 27 साल बाद भाजपा की सरकार बनेगी।

शाम पांच बजे तक 70 में से 58 सीटों के नतीजे आ चुके थे। इनमें से 40 सीटों पर भाजपा और 18 पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को जीत मिली। भाजपा 8 सीटों पर और आम आदमी 4 सीटों पर आगे थी। पार्टी की इस जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह विकास और गुड गवर्नेंस की जीत है।

सबसे बड़ा उलट फिर नई दिल्ली सीट पर हुआ है जहां पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल भारतीय जनता पार्टी के प्रवेश वर्मा से करीब 4 हजार वोटों से हार गए हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री आतिशी कालकाजी से जीत गई हैं। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के रमेश विधूड़ी को हराया।

चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, प्रवेश वर्मा को 30088 और अरविंद केजरीवाल को 25999 वोट मिले। कांग्रेस के संदीप दीक्षित को 4568 वोट प्राप्त हुए। प्रवेश वर्मा दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं। 48 साल के वर्मा ने आरके पुरम स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल और किरोड़ीमल कॉलेज से पढ़ाई की है। उन्होंने फोर स्कूल आफ मैनेजमेंट से एमबीए की डिग्री भी ली। वर्ष 2013 में उन्होंने महरौली विधानसभा सीट पर पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी। इसके बाद वह दो बाद पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद भी रहे हैं। 

पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया को जंगपुरा से कांटे की टक्कर में 675 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। आप के सोमनाथ भारती, सत्येंद्र जैन और सौरभ भारद्वाज जैसे प्रमुख नेता चुनाव हार गये हैं। अन्य चर्चित चेहतों में पटपड़गंज सीट पर आम आदमी पार्टी के अवध ओझा भी हार गए। अपनी हार स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि यह मेरी व्यक्तिगत हार है। मैं लोगों से जुड़ नहीं सका। मैं आगे उनसे मिलूंगा और अगली बार यहीं से चुनाव लड़ूंगा।

हालांकि भाजपा और आम आदमी पार्टी के वोट प्रतिशत में ज्यादा अंतर नहीं है। अभी तक की गणना के मुताबिक भाजपा को 45.89 प्रतिशत और आप को 43.55 प्रतिशत वोट मिले हैं। कांग्रेस 6.35 प्रतिशत वोटों के साथ तीसरे स्थान पर है।

आम लोगों को मुफ्त सुविधा देने का विरोध करने वाली भाजपा ने दिल्ली चुनाव में मुफ्त बस सेवा जैसी कई स्कीमें बंद नहीं करने का वादा किया। साथ ही प्रदूषण तथा गवर्नेंस जैसे मध्य वर्ग के मुद्दों की भी बात की। दूसरी ओर अप्रैल 2024 में अरविंद केजरीवाल के जेल जाने का आम आदमी पार्टी की चुनावी तैयारियों पर बुरा असर हुआ। भाजपा ने केजरीवाल के घर में महंगे रेनोवेशन, पानी की आपूर्ति की समस्याओं तथा रुके प्रोजेक्ट के मुद्दे भी उठाए।

आम आदमी पार्टी ने पहली बार 2015 में 70 में से 67 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी। 2020 के चुनाव में भी उसे 62 सीटें मिली थीं, लेकिन इस बार उसका आधा मिलना भी मुश्किल लग रहा है।