देश में राष्ट्रीय स्तर पर तीन बहु-राज्य सहकारी समितियां स्थापित की गई हैं जो निर्यात, जैविक उत्पाद और गुणवत्ता वाले बीजों के उत्पादन को बढ़ावा देंगी। इनमें भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (बीबीएसएसएल) की स्थापना सहकारी समितियों के माध्यम से एकल ब्रांड के अंतर्गत गुणवत्ता वाले बीजों के उत्पादन और वितरण के लिए की गई है, ताकि फसलों की पैदावार में सुधार हो और स्वदेशी बीजों के संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रणाली विकसित की जा सके।
रूरल वॉयस के साथ खास बातचीत में भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर चेतन जोशी ने बताया कि बीबीएसएसएल साल 2024-25 में करीब 50 करोड़ रुपये का कारोबार करेगी। संस्था के लिए यह जीरो वर्ष है। पहले कारोबारी वर्ष यानी 2025-26 में 270 करोड़ रुपये के कारोबार का लक्ष्य रखा गया है। संस्था ने अगले सात वर्षों में 19 लाख टन बीजों की बिक्री के साथ 18 हजार करोड़ रुपये के कारोबार का लक्ष्य रखा है।
चेतन जोशी ने बताया कि बीबीएसएसएल की स्थापना का उद्देश्य सहकारी क्षेत्र में ऐसी बीज कंपनी स्थापित करना है जो देश में किसानों को बेहतर गुणवत्ता के बीज किफायती दाम पर उपलब्ध कराए। साथ ही, इसका उद्देश्य देश में प्रसंस्कृत और गुणवत्ता वाले बीज से वंचित 53 फीसदी क्षेत्र को उस 47 फीसदी क्षेत्र के साथ बराबरी पर लाना है जहां बेहतर किस्मों के गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध हैं। संस्था वैश्विक मानकों के अनुरूप गुणवत्ता वाले बीजों के उत्पादन को बढ़ावा देगी, जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी और किसानों की आय बढ़ने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
बीबीएसएसएल के पास “सहकार से समृद्धि” के नारे के अनुरूप किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने का मौका है। भारत में उन्नत बीजों का उत्पादन बढ़ने से “मेक इन इंडिया” को भी बढ़ावा मिलेगा और आयातित बीजों पर निर्भरता कम होगी। “भारत बीज” ब्रांड के तहत बीजों का उत्पादन और वितरण सहकारी संस्थाओं के माध्यम से करेगी।
बीबीएसएसएल की चीफ प्रमोटर कृभको है। वहीं इसके पांच क्लास वन स्टेकहोल्डर्स में इफको, नेफेड, एनडीडीबी और एनसीडीसी शामिल हैं। समिति की आरंभिक चुकता पूंजी 250 करोड़ रुपये है, जिसमें पांचों प्रवर्तकों द्वारा 50-50 करोड़ रुपये का योगदान है और अधिकृत शेयर पूंजी 500 करोड़ रुपये है।
ग्यारह राज्यों में बीज लाइसेंस
चेतन जोशी ने बताया कि बीबीएसएसएल 11 राज्यों में बीज लाइसेंस हासिल कर चुकी है और पांच राज्यों में इसकी प्रक्रिया चल रही है। बीबीएसएसएल ने ब्रीडर सीड, फाउंडेशन सीड और सर्टिफाइड सीड सभी स्तर पर काम शुरू कर दिया है। वर्ष 2024-25 में मूंगफली, गेहूं, जई और बरसीम के बीज की बिक्री से शुरूआत की गई है।
किसानों के जरिए बीज उत्पादन
जोशी ने बताया कि प्राथमिक सहकारी समितियों (पैक्स) के जरिये सदस्य किसानों को ही बीज उत्पादन के लिए पंजीकृत किया जा रहा है, ताकि बीज उत्पादन का फायदा उन्हें बेहतर दाम के रूप में मिले। बीज उत्पादकों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के ऊपर 10 फीसदी दाम मिलेगा। बीज निगम और मंडी में बीज की कीमत को भी आधार बनाया जाएगा। इन तीनों में से जो भी दाम अधिक होगा, उसका भुगतान उत्पादक किसानों को किया जाएगा। पैक्स को बीज प्रसंस्करण, ग्रेडिंग और पैकेजिंग के लिए एक से तीन फीसदी तक अतिरिक्त इसेंटिव दिया जाएगा। बीज के लिए ट्रेसेबिलिटी को अनिवार्य बनाया गया है यानी कोई भी बीज किस किसान ने और कहां पैदा किया है उसकी जानकारी तक पहुंच रहेगी। इसके जरिये बीज की प्रमाणिकता और गुणवत्ता पर नियंत्रण रहेगा।
सदस्यता और लाभांश
बीबीएसएसएल की सदस्यता के लिए अब तक देश भर की सहकारी समितियों से कुल 20,961 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। इनमें से 17425 को शेयर सर्टिफिकेट जारी किए जा चुके थे। बीबीएसएसएल की सदस्यता के लिए नेशनल लेवल, स्टेट लेवल, डिस्ट्रिक्ट यूनियन और पैक्स की सदस्यता का अभियान चलया जा रहा है। इनके लिए न्यूनतम शेयर खरीदने की सीमा तय की गई है। वहीं नॉमिनल मेंबर भी बनाये जाएंगे जो एक लाख रुपये का शेयर खरीदकर सदस्यता हासिल कर सकते हैं। उनको मताधिकार नहीं होगा, लेकिन वह बीबीएसएसएल के डिस्ट्रीब्यूटर बनकर कारोबार कर सकते हैं।
चेतन जोशी ने बताया कि बीबीएसएसएल के मुनाफे में से सदस्यों को उनकी शेयर पूंजी के आधार पर 20 फीसदी तक का लाभांश दिया जाएगा। इस तरह सहकारी समिति के सदस्य किसानों को बीज के उत्पादन से बेहतर दाम के अलावा लाभांश का भी फायदा होगा।
बीज उत्पादन लक्ष्य
बीबीएसएसएल ने 2024-25 में अब तक अनाज, तिलहन और चारा फसलों के 52,906 क्विंटल बीज बेचे या वितरित किए हैं। 138 खुदरा विक्रेताओं/वितरकों के माध्यम से अब तक बेचे गए बीज का कुल मूल्य लगभग 46.19 करोड़ है। संस्था को 11 राज्यों में बीजों की बिक्री के लिए लाइसेंस प्राप्त हो चुका है और अन्य पांच राज्यों में यह प्रक्रियाधीन है। बीबीएसएसएल ने अब तक 577 हेक्टेयर कृषि भूमि पर 15,395 क्विंटल बीज (9 फसलें, 23 किस्म) का उत्पादन किया है।
रबी सीजन 2024-25 में बीबीएसएसएल द्वारा गेहूं, चना, सरसों और मटर के 6.34 लाख क्विंटल सर्टिफाइड बीज उत्पादन का अनुमान है। संस्था द्वारा रबी सीजन 2023-24 में 13,697 क्विंटल फाउंडेशन बीज का उत्पादन हुआ था। इस दौरान लाभार्थी किसानों की संख्या 16,850 से बढ़कर 20.96 लाख हो गई है। लाभार्थी समितियों की संख्या भी 1790 तक पहुंच गई है। वर्ष 2025-26 में 21 लाख किसानों को इसका लाभ मिलने की उम्मीद है जबकि बीज की बिक्री 1790 सोसायटी के माध्यम से की जाएगी।
खरीफ 2025 सीजन में सात फसलों- धान, चना, सोयाबीन, मूंगफली, ज्वार, मक्का और बीन्स की 22 वैरायटी के बीज उपलब्ध कराए जाएंगे। इनका 1.6 लाख क्विंटल सर्टिफाइड बीज उत्पादन का अनुमान है जिससे 56.47 लाख किसान लाभान्वित होंगे।