एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक ने 'भारत' में विकास को गति देने के लिए "स्वदेश बैंकिंग" लांच की

प्रमुख एसएफबी, एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक (AU SFB) ने ग्रामीण भारत में बैंकिंग में बदलाव लाने के लिए “स्वदेश बैंकिंग” की शुरुआत की है। “स्वदेश बैंकिंग” वर्टिकल को एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक (एयू एसएफबी)  हर व्यक्ति और व्यवसाय तक उपयोगी और किफायती फाइनेंशियल प्रोडक्ट और सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने की साथ ही किसानों, स्व-रोजगार कर्मियों व भारत में सूक्ष्म उद्यम के लिए 360-डिग्री व्यापक समाधान के साथ ग्रामीण और अर्ध-शहरी बाजारों की गहरी समझ का लाभ उठाने के लिए डिजाइन किया गया है

प्रमुख एसएफबी, एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक (AU SFB) ने ग्रामीण भारत में बैंकिंग में बदलाव लाने के लिए “स्वदेश बैंकिंग” की शुरुआत की है। “स्वदेश बैंकिंग” वर्टिकल को एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक (एयू एसएफबी)  हर व्यक्ति और व्यवसाय तक उपयोगी और किफायती फाइनेंशियल प्रोडक्ट और सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने की साथ ही किसानों, स्व-रोजगार कर्मियों व भारत में सूक्ष्म उद्यम के लिए 360-डिग्री व्यापक समाधान के साथ ग्रामीण और अर्ध-शहरी बाजारों की गहरी समझ का लाभ उठाने के लिए डिजाइन किया गया है।

वित्तीय और डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देने की अटूट प्रतिबद्धता के साथ, एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक वंचित समुदायों को सशक्त बनाने और ग्रामीण और उन क्षेत्रों में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है, जहां अब तक वित्तीय सेवाओं की पहुंच ना के बराबर है। इसलिए, 'स्वदेश बैंकिंग' की शुरुआत के साथ, एयू एसएफबी अपनी ग्रामीण शाखाओं, बैंकिंग आउटलेट्स, बैंकिंग संवाददाताओं, वित्तीय और डिजिटल समावेशन इकाई और लघु व सीमांत किसान (SMF) लेंडिंग यूनिट (लोन देने वाली इकाइयों) को एक ही छत और नेतृत्व के तहत व्यवस्थित करेगा, ताकि बैंक के ग्राहकों को लाभ मिल सके।


स्वदेश बैंकिंग ग्रामीण समुदायों और व्यवसायों की खास जरूरतों और चुनौतियों को पूरा करने के लिए उपयोगी बैंकिंग उत्पादों, सेवाओं और संचालन को बढ़ावा देगी। इसमें स्थानीय व्यापारियों और दुकान के मालिकों के लिए डिजिटल समाधानों का विस्तार करने के साथ ही वित्तीय साक्षरता और डिजिटल समावेशन को आगे बढ़ाना, स्थानीय उद्योगों के लिए विशेष उत्पाद और स्थानीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देना शामिल होगा।

बैंक द्वारा जारी एक प्रेस वक्तव्य में कहा गया है कि डिजिटल भारत की सोच को आगे बढ़ाते हुए, एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक ने ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच बढ़ाने पर विशेष जोर देने के साथ यूजर फ्रेंडली डिजिटल प्लेटफार्म में पर्याप्त निवेश किया है। इसके मोबाइल बैंकिंग ऐप, इंटरनेट पोर्टल और इनोवेटिव वीडियो बैंकिंग सेवाओं ने न सिर्फ बैंकिंग परिचालन और लेनदेन की सुविधा और पहुंच को बढ़ाया है, बल्कि व्यक्तिगत संपर्क भी बनाए रखा है। सिर्फ पिछले साल में, एयू एसएफबी ने ग्रामीण और अर्ध-शहरी बाजारों में वीडियो बैंकिंग के माध्यम से 66,000 से अधिक खाता खोलने की सुविधा प्रदान की, जिसमें 92,000 से अधिक वीडियो बैंकिंग कॉल अपने मूल्यवान ग्राहकों को प्रदान करने के लिए की गईं।

अब तक, एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक एक परिवर्तनकारी शक्ति के रूप में उभरा है, जिसने जमीनी स्तर पर सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा दिया है। बैंक ने 94 फीसदी प्राथमिकता वाले क्षेत्र को लोन देने, 25 लाख रुपये तक के टिकट साइज के 62 फीसदी लोन और बैंक रहित ग्रामीण क्षेत्रों में 31 फीसदी टचप्वॉइंट के साथ रेगुलेटरी (नियामक) जरूरतों को पूरा करते हुए शानदार उपलब्धियां हासिल की हैं। एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक न सिर्फ केवल रेगुलेटरी आदेशों को पूरा कर रहा है, बल्कि ग्रामीण और अर्ध-शहरी भारत में वास्तविक वित्तीय समावेशन (हर व्यक्ति और व्यवसाय तक उपयोगी और किफायती फाइनेंशियल प्रोडक्ट और सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करना) का भी नेतृत्व कर रहा है।

राजस्थान में एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के विस्तार में सुल्तान सिंह पलसानिया ने स्वदेश बैंकिंग के राष्ट्रीय प्रमुख की भूमिका निभाई है। इसी क्षमता की वजह से उन्हें बैंक के बड़े दायरे में मौजूद वित्तीय सेवाओं के माध्यम से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रभाव डालने का काम सौंपा गया है। इसके अलावा, स्वदेश बैंकिंग, सरकारी व्यवसाय, थोक जमा और सहकारी बैंकिंग के एकीकरण का उद्देश्य बैंक के भीतर अधिक तालमेल को बढ़ावा देना है, जो शूरवीर सिंह शेखावत के नेतृत्व में किया जा रहा है। इस संशोधित संरचना में शेखावत लगातार बैंक के कार्यकारी निदेशक उत्तम टिबरेवाल को रिपोर्ट करना जारी रखेंगे।



इस डेवलपमेंट पर एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के फाउंडर और एमडी व सीईओ संजय अग्रवाल ने कहा कि “ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं को समझने में अपने 28 साल के अनुभव के आधार पर, हमने अपनी कई तरह की पहल, कम्‍युनिटी इंटरेक्शन और वर्कशॉप के जरिए ग्रामीण परिवेश की गहरी समझ का प्रदर्शन किया है। इस प्रकार हमने साइकिल्‍स (चक्रों) के माध्यम से डिलिवर करते हुए एक वित्तीय समावेशन मॉडल स्थापित किया है जो स्केलेबल यानी प्रोडक्टिविटी बढ़ाने वाला बिजनेस और सस्टेनेबल यानी टिकाऊ है। हमने अपने लंबे चौड़े विस्तार के उपयोग के जरिए और लोकल बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए बड़े इकोसिस्टम (पारिस्थितिकी तंत्र) के साथ सहयोग करके ग्रामीण ग्राहकों पर फोकस  बढ़ाने के लिए स्वदेश बैंकिंग को सावधानीपूर्वक तैयार किया है। जो आखिरकार हमारे देश के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को ऊपर उठाता है।“

उन्होंने कहा कि “स्वदेश बैंकिंग के साथ, हमारी सोच साफ है, यानी ग्रामीण भारत के हर कोने को प्रगति और संपन्‍नता बढ़ाने वाले वित्तीय समाधानों के साथ सशक्त बनाना। यह पहल सिर्फ बैंकिंग से कहीं अधिक है। यह अवसरों को बढ़ाने, आत्मनिर्भरता विकसित करने और हर गांव और कस्बे में उज्जवल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने की प्रतिबद्धता है।