अतिशी बनीं दिल्ली की नई मुख्यमंत्री, मंत्रिमंडल में मुकेश अहलावत नया चेहरा

आम आदमी पार्टी की नेता अतिशी ने शनिवार को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। अतिशी के साथ ही पुराने मंत्रिमंडल के सदस्यों और नए मंत्री मुकेश अहलावत ने भी शपथ ली

आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता अतिशी ने शनिवार को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। अतिशी के साथ ही पुराने मंत्रिमंडल के सदस्य गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज, इमरान हुसैन और नए मंत्री मुकेश अहलावत ने भी शपथ ली। आप के विधायकों ने मंगलवार को हुई पार्टी बैठक में सर्वसम्मति से अतिशी को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना था।

यह परिवर्तन अरविंद केजरीवाल के अप्रत्याशित इस्तीफे के बाद हुआ। दिल्ली शराब नीति से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद उन्होंने इस्तीफे की घोषणा की थी। केजरीवाल ने अपने इस्तीफे की घोषणा के समय संकेत दिया था कि वे तभी मुख्यमंत्री के पद पर वापस आएंगे जब उन्हें आगामी विधानसभा चुनावों में दिल्ली के मतदाताओं से "ईमानदारी का सर्टिफिकेट" प्राप्त होगा।

अब अतिशी के सामने चुनौती है कि वह मौजूदा सरकार का कार्यकाल पूरा करें, जो फरवरी 2025 तक चलेगा, साथ ही आप की चुनावी तैयारी को भी मजबूती दें। भले ही उनका कार्यकाल छोटा हो, लेकिन यह बेहद अहम है क्योंकि कई महत्वपूर्ण योजनाओं जैसे मुख्‍यमंत्री महिला सम्‍मान योजना, इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2.0 और विभिन्न सेवाओं की घर-घर डिलीवरी को तेजी से लागू करने की आवश्यकता होगी।

शपथ ग्रहण के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं को अपने संबोधन में अतिशी ने अरविंद केजरीवाल को धन्यवाद देते हुए कहा, "अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा इसलिए दिया है क्योंकि वह दिल्ली के लोगों से ईमानदारी का प्रमाण पत्र चाहते हैं। मुझे नहीं लगता कि दुनिया में किसी और नेता ने ऐसा किया है। हमें उन्हें फरवरी में फिर से मुख्यमंत्री बनाना है।" उन्होंने आगामी चुनावों में निर्णायक जनादेश की अपील की।

अतिशी ने बीजेपी पर भी निशाना साधा और चेतावनी दी कि अगर वह सत्ता में आती है तो आप की प्रमुख योजनाओं जैसे मुफ्त बिजली, पानी और महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा को समाप्त कर सकती है। उन्होंने इन योजनाओं को जारी रखने की बात कहते हुए इन्हें जनता के कल्याण से भी जोड़ा।

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ी और रोड्स स्कॉलर अतिशी का दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने तक का सफर काफी तेजी से आगे बढ़ा है। उन्होंने 2015 में अपना राजनीतिक कैरियर शुरू किया था और 2020 में विधायक बनीं। शिक्षा के क्षेत्र में सुधारात्मक कार्यों के लिए वह विशेष रूप से जानी जाती हैं, जो उन्होंने पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के साथ मिलकर किए थे।

सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनने वाली अतिशी के कार्यकाल से राजनीतिक जगत को कई उम्मीदें हैं। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि वह राजनीतिक चुनौतियों का कैसे सामना करती हैं और कैसे आम आदमी पार्टी को 2025 में एक और जीत दिलाने के लिए तैयार करती हैं।